ग्वालियर में दो आई स्पेशलिस्ट पर जिला उपभोक्ता फोरम ने एक लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। डॉक्टर पर ऑपरेशन में लापरवाही बरतने का आरोप है। ऑपरेशन के बाद 76 साल के बुजुर्ग की दाहिनी आंख की रोशनी धीरे-धीरे कम होने लगी थी। कुछ समय बाद पीड़ित को एक आंख से दिखना बंद हो गया था।
फोरम ने एक लाख रुपए की क्षतिपूर्ति के साथ ही मानसिक प्रताड़ना के बदले 10 हजार रुपए अलग से देने और केस खर्च की राशि भी बुजुर्ग को अदा करने के लिए कहा है।
ऐसे समझिए पूरा मामला
दरअसल सेवा निवृत्त डिप्टी कमांडेंट विश्वनाथ दुबे (76वर्ष) ने साइट केयर आई हॉस्पिटल के डॉ. सुनील शर्मा व डॉ. अदिति शर्मा से 27 अप्रैल 2022 को दाहिनी आंख का ऑपरेशन कराया था। ऑपरेशन व इलाज में 20 हजार रुपए का खर्च आया था। आपरेशन के बाद दुबे की आंख की रोशनी कम होने लगी। इस पर उन्होंने डॉक्टर को बताया। उस समय डॉक्टर सुनील ने कहा था कि दवा डालते रहो। दिखना शुरू हो जाएगा। लेकिन उनकी आंख की रोशनी दिन पर दिन और बिगड़ती चली गई और दिखाई देना पूरी तरह से बंद हाे गया। 9 जनवरी 2023 को डॉक्टर ने उन्हें बताया की अब आपकी आंख की रोशनी कभी नहीं आएगी। डॉक्टर से इलाज के पर्चे मांगे, लेकिन उन्होंने नहीं दिए, जो बिल मौजूद थे, उनके आधार पर नोटिस भेजा गया। डॉक्टर ने ब्लड शुगर व हाई ब्लड प्रेशर (रक्तचाप) की शिकायत को आंख की रोशनी जाने का कारण बताया। जिस पर फरियादी विश्वनाथ दुबे ने उपभोक्ता फोरम में परिवाद दायर किया था। फोरम के नोटिस पर डॉक्टर ने जवाब दिया। फोरम ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद कहा कि ऑपरेशन व इलाज में लापरवाही बरती गई है। इसलिए 1 लाख रुपए की क्षतिपूर्ति दी जाए। क्षतिपूर्ति की राशि दोनों डॉक्टर को आधी-आधी देनी होगी। डॉक्टर बोले-इलाज में लापरवाही नहीं बरती गई
उपभोक्ता फोरम में सुनवाई के दौरान डॉ. सुनील शर्मा व डॉ. अदिति शर्मा की ओर से तर्क दिया गया कि चिकित्सा में किसी भी प्रकार की कमी या लापरवाही नहीं बरती गई है। निर्धारित अवधि के भीतर फोरम में परिवाद दायर नहीं किया है। परिवादी ने अस्पताल को पार्टी नहीं बनाया। बल्कि डॉक्टर को पार्टी बनाया है। पर्चों में यह साबित नहीं किया कि किस प्रकार की लापरवाही से परिवादी की आंख की रोशनी गई है। परिवादी ने दाहिनी आंख में खुजली व एलर्जी की समस्या बताई थी। परिवादी को दाहिनी आंख में काले पानी की समस्या नहीं थी। 19 जुलाई 2021 को लैंस की सफाई की गई थी। जब ग्लूकोमा की दवा लेने की सलाह दी गई। इलाज में किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं की है।