विदेशी अतिथियों को भाया मध्य प्रदेश का आतिथ्य:भारतीय संस्कृति, परम्परा, संगीत और कला को सराहा; यूरेशियन बैठक का आज समापन

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यूरेशियन ग्रुप 41वीं प्लेनरी मीटिंग में शामिल अलग-अलग देशों के मेहमानों ने गुरुवार रात ​​​​​​ ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में आयोजित कार्यक्रम को काफी सराहा। कार्यक्रम में संस्कृति संचालनालय मध्य प्रदेश द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की सांस्कृतिक प्रस्तुतियां संयोजित की गई।
पहली प्रस्तुति विश्व प्रसिद्ध मैहर वाद्यवृन्द की हुई। इसकी शुरुआत मार्च पास्ट की धुन से हुई। नलतरंग, सितार, सरोद, तबला, हारमोनियम, वायलिन, सारंगी, इसराज जैसे वाद्य यंत्रों से निकली सुरीली धुनों ने देश—विदेश से पधारे अतिथियों का मन मोह लिया। यूरेशियन ग्रुप की पांच दिनी बैठक का आज 30 नवम्बर को समापन होगा। सुबह 9 बजे से 41वीं ईएजी प्लेनरी सत्र की प्रमुख बैठकें होंगी। इसके बाद “सिंदूरा” धुन प्रस्तुत की गई। देवी के सिंदूर को देखकर महान संगीतज्ञ उस्‍ताद अलाउद्दीन खां ने यह धुन बनाई थी। यह धुन देवी के सामने होने पर मन की जो उमंग का चित्रण करती है। इसके बाद “घूमर” धुन की प्रस्तुति दी गई। इस धुन को सुन अतिथियों को उमंग और सम्मान की अनुभूति हुई। अंतिम प्रस्तुति बागेश्री कानड़ा की रही। यह रचना अली अकबर द्वारा रचित है। अगली प्रस्तुति सीता मोहन वीणा जुगलबंदी की रही। इसमें इंदौर के सुप्रसिद्ध सितार वादक पंडित अरुण मोरोने और मोहन वीणा वादक पंडित सतीश खानवलकर की जुगलबंदी ने सभागार में शास्त्रीय संगीत का सौंदर्य बिखेरा। उनकी प्रस्तुति राग चारुकेशी पर आधारित रही। इसमें एक लघु आलाप, दो बंदिशें जो तीन ताल में निबद्ध रही प्रस्तुत की। प्रस्‍तुति का समापन द्रुत झाला के साथ हुआ। तबले पर श्री उमेश बाकरे और श्री कुणाल लहरे ने संगत की। अगले क्रम में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार प्राप्त कोरियोग्राफर सुश्री जयलक्ष्मी ईश्वर द्वारा संकल्पित और संयोजित मध्य प्रदेश भारत की “स्वर की समता” में मध्य प्रदेश और देश की संस्कृति, परम्परा और पर्यटन को रेखांकित किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत “माता पृथ्वी” पर आधारित श्लोकों से हुई। इसके बाद भारत और EAG देशों की सांस्कृतिक विविधता नृत्य के माध्यम से प्रस्तुत की गई। फिर मध्य प्रदेश की प्रमुख विरासत और संस्कृति को नृत्य और दृश्यों के माध्यम से प्रस्तुत किया गया। कपड़ों की विरासत प्रस्तुति में महारानी अहिल्याबाई होल्कर को महेश्वरी साड़ी की परम्परा को स्थापित करने का श्रेय दिया जाता है। इस खंड में बुनाई संस्कृति को प्रदर्शित किया गया। अंत में ग्रैंड सिम्फनी प्रस्तुति के अंतर्गत वैश्विक अस्तित्व के सामंजस्यपूर्ण संगीत के रूपक को प्रस्तुत किया। कार्यक्रम की अंतिम प्रस्तुति फिल्मी ट्रॉनिक्स बैंड की रही। अपने जोशीले अंदाज और ऊर्जा से भरी आवाज से बैंड ने संपूर्ण सभागार में उपस्थित अतिथियों को संगीत के जादू में बांध दिया। उन्होंने हॉलीवुड, बॉलीवुड के साथ रॉक म्यूजिक आधारित गीतों से शाम को यादगार बना दिया। इस बैंड का संयोजन सुश्री मर्लिन डिसूजा ने किया। कार्यक्रम में केंद्रीय अतिरिक्त वित्त सचिव विवेक अग्रवाल, EAG प्लेनरी ग्रुप अध्यक्ष यूरी चिकानचिन, संस्कृति विभाग के डायरेक्टर एन. पी.नामदेव, कमिश्नर दीपक सिंह, कलेक्टर आशीष सिंह सहित EAG प्लेनेटरी ग्रुप के सदस्य देशों के प्रतिनिधि गण उपस्थित थे। एग्जीबिशन में शामिल हुई रिस्क सॉल्यूशन प्रोवाइड करने वाली कंपनियां उधर, 27 नवम्बर से बीबीसी में ही लगी फिनटेक एग्जीबिशन में रिस्क सॉल्यूशन प्रोवाइड करने वाली कई कंपनियां शामिल हुई। इसके अलावा वे कंपनियां भी शामिल रही जो पेमेंट सर्विसेज या पेमेंट एग्रीगेटेट का काम करती हैं। यूपीआई का भी एक स्टॉल लगा हुआ था। डाउ जोंस रिस्क एंड कम्प्लायेंस कंपनी की पल्लवी मालवीय (रीजनल डायरेक्टर, साउथ एशिया) ने बताया कि कंपनी के देशभर में तीन ऑफिस हैं। कंपनी बैंकों और फाइनेंस इंस्टीटयूशन को एंटी मनी लॉन्ड्रिंग और सीएफटी रिलेटेड डेटा बेस उपलब्ध कराती है। इस डेटा बेस में वे नाम रहते हैं जो मनी लॉन्ड्रिंग में या अवांछनीय गतिविधियों में लिप्त हैं। इसे रोजाना अपडेट करते हैं। ऐसे ही बैक और फाइनेंस इंस्टीटयूशन इसे केवीआई में अपडेट करते हैं। इससे उनका काम आसान हो जाता है आज समापन