आलमी तब्लीगी इज्तिमा की शुरुआत शुक्रवार सुबह फजर की नमाज के बाद हो गई है। सुबह से ही देश के अलग-अलग हिस्सों से आए जानकारों ने तकरीर (उपदेश) की। इज्तिमा का आयोजन भोपाल में 29 नवंबर से 2 दिसंबर तक होगा। इससे पहले गुरुवार रात तक देश के अलग-अलग हिस्सों से लोग इज्तिमा स्थल ईंटखेड़ी पहुंचे, जिसमें मुख्य रूप से राजस्थान, बिहार, हिमाचल, कश्मीर, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, केरल, तमिलनाडु के अलावा विदेशों से आईं जमातें भी शामिल हैं। इसको लेकर इज्तिमा कमेटी ने तैयारियां तेज कर दी हैं। इज्तिमा कमेटी के मीडिया को-ऑर्डिनेटर डॉ. उमर हफीज ने बताया कि इस बार करीब 600 एकड़ एरिया में व्यवस्थाएं की गई हैं, जिसमें 300 एकड़ में पार्किंग, 100 एकड़ में पंडाल और 200 एकड़ में अन्य व्यवस्थाएं, जैसे फूड जोन, वुज़ू खाना, वॉशरूम आदि शामिल हैं। इसके अलावा यहां एलोपैथिक, आयुर्वेदिक, यूनानी पद्धतियों से इलाज के लिए कई मेडिकल कैंप भी लगाए जाएंगे। पहली बार दो बाइक एंबुलेंस सर्विस आलमी तब्लीगी इज्तिमा के दौरान शामिल होने वाले लाखों जमातियों में बुजुर्ग और बीमार भी होते हैं। इसके मद्देनजर किसी भी मेडिकल इमरजेंसी के लिए पहली बार बाइक एम्बुलेंस की व्यवस्था की गई है। इज़्तिमा मीडिया कोऑर्डिनेटर डॉ. उमर हफीज ने बताया कि इज्तिमा पांडालों से दूर खड़ी एंबुलेंस तक पहुंचने में बीमारों को परेशानी होती है, इसलिए इस बार बाइक एंबुलेंस की व्यवस्था की गई है। उन्होंने बताया कि मोटरसाइकिल के साथ एक स्ट्रेचर अटैच कर इसे मोडिफाई किया गया है, जिससे मरीजों को समय पर एंबुलेंस तक पहुंचाया जा सके। इसमें मरीज को लेटाने की सुविधा के साथ फर्स्ट एड बॉक्स की सुविधा भी जोड़ी गई है। जरूरत के लिहाज से इसमें ऑक्सीजन की व्यवस्था करने पर भी विचार किया जा रहा है। इस साल 61 की बजाय 66 पार्किंग इज्तिमा के आयोजन स्थल के बारे में डॉ. उमर ने बताया कि इज्तिमा के दो प्रमुख पहलू होते हैं—इंटरनल और एक्सटर्नल। एक्सटर्नल पहलू में ट्रैफिक और पार्किंग का मुद्दा आता है। पिछले साल के मुकाबले इस बार पार्किंग क्षेत्र को बढ़ाकर 300 एकड़ कर दिया गया है। इसके अलावा 61 की बजाय इस बार 66 पार्किंग बनाए गए हैं। वहीं, अंदर के क्षेत्र में भी पिछले साल के मुकाबले 50 एकड़ अधिक 300 एकड़ क्षेत्र का उपयोग किया जाएगा, जिसमें पंडाल, फूड जोन, इमरजेंसी एरिया, वजू खाना और अन्य सुविधाएं शामिल हैं। हमारे पास कुल 600 एकड़ का एरिया है, जिसका यूज इज्तिमा के लिए हो रहा है। इस साल सिंगल यूज प्लास्टिक पूरी तरह बैन इस बार इज्तिमा को सिंगल यूज प्लास्टिक मुक्त किया गया है। पानी की बोतल को छोड़कर अन्य सभी सिंगल यूज प्लास्टिक बैन रहेगा। पानी की बोतलों को तुरंत इकट्ठा किया जाएगा। इज्तिमा के मीडिया कोऑर्डिनेटर डॉ. उमर हफीज ने बताया कि हर साल हम इज्तिमा में पर्यावरण से संबंधित पहलुओं पर कुछ नया करने की कोशिश करते हैं। पिछले साल हमने आयोजन स्थल को डस्ट-फ्री बनाया था और इस लक्ष्य को सफलतापूर्वक हासिल भी किया था। साथ ही, कचरा निस्तारण का रिकॉर्ड भी बनाया गया था। इज्तिमा समाप्त होने के 24 घंटे के भीतर पूरे क्षेत्र को साफ कर दिया गया था। यहां से मिले रिसाइक्लेबल कचरे को रिसाइक्लिंग प्लांट भेजा गया और डिस्पोजेबल कचरे को डिकंपोज प्लांट में निपटाया गया। दो साल पहले हमने ग्रीन थीम पर काम किया था, जिसमें शाकाहारी भोजन पर जोर दिया गया था। इस बार हमने सिंगल यूज प्लास्टिक को बैन रखा हैं। 1 लाख 80 हजार की कैपेसिटी का है पंडाल इज्तिमा गाह में अंदरुनी पंडाल की कुल क्षमता 1 लाख 80 हजार है, लेकिन इमरजेंसी स्पेस को छोड़कर इसे 1 लाख 40 हजार की क्षमता माना जाता हैं। इज्तिमा में हर साल 1 लाख से सवा लाख जमाती शामिल होते हैं और तीन दिनों तक अंदरुनी पंडाल में रहते हैं। इसके अलावा, रोजाना शहर से बड़ी संख्या में लोग आते हैं और दिन के अंत में वापस लौट जाते हैं। इज्तिमा के आखिरी दिन के इंतजाम के बारे में डॉ. उमर का कहना है कि यह दुआ का दिन होता है। इस दिन पंडाल के बाहर स्पीकर लगाए जाते हैं, ताकि लोग दुआ में शामिल हो सकें और फिर लौट जाएं। 5 बड़े इस्लामिक आयोजनों में से एक इज्तिमा भोपाल का आलमी तब्लीगी इज्तिमा दुनिया के 5 सबसे बड़े इस्लामिक आयोजनों में से एक माना जाता है। दुनियाभर से इसमें लाखों लोग शामिल होते हैं। दुनिया में केवल 3 देशों भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश में इसका आयोजन होता है। इस बार यह रहेगा खास पिछले साल आयोजन से ये अलग