विजयपुर विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में कैबिनेट मंत्री रामनिवास रावत को हार का सामना करना पड़ा। कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीते मुकेश मल्होत्रा आज दोपहर भोपाल पहुंचे। उन्होंने नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार से मुलाकात की। विधायक सतीश सिकरवार और पूर्व विधायक नीटू सिकरवार के साथ नेता प्रतिपक्ष को विधायक मल्होत्रा ने मुरैना की गजक खिलाई। मल्होत्रा चप्पलों में ही नेता प्रतिपक्ष से मिले वे पैर छूने झुके तो सिंघार ने उन्हें गले लगा लिया। नेता प्रतिपक्ष बोले-चुनाव में बीजेपी को चप्पल पड़ी
विधायक से मुलाकात के बाद नेता प्रतिपक्ष ने कहा- चप्पलें तो बीजेपी को पड़ी हैं। जिस प्रकार से आप देख रहे हैं। हमारे विधायक भले ही हवाई चप्पल पहनते हैं लेकिन, बगैर चप्पल मारे जिस प्रकार बीजेपी को इस चुनाव में चप्पलें पड़ी हैं। चाहे किसान हों या आदिवासी हों, ये भाजपा के लिए आत्ममंथन का विषय है। सिंघार ने जीत का श्रेय नीटू सिकरवार को दिया
भाजपा सिद्धांतों और चरित्र की बात करती है लेकिन विजयपुर में साम-दाम और दंड-भेद का प्रयोग किया गया। ये कार्यकर्ता और आम जनता की जीत है। जीत का श्रेय वहां मुकेश मल्होत्रा की मेहनत रही है और लोकसभा चुनाव हारने के बाद नीटू सिकरवार वहां लगे रहे। हमारे विधायकों सहित सभी कार्यकर्ता वहां लगे थे लेकिन महत्वपूर्ण जवाबदारी नीटू सिकरवार की थी। नेता प्रतिपक्ष से मुलाकात के बाद मुकेश मल्होत्रा ने भास्कर से चर्चा की…
-बीजेपी की सरकार में आप ये उप चुनाव कैसे जीते?
मल्होत्रा- वहां पर कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं के समन्वय और नेताओं के लगातार दौरा और वोटर के आशीर्वाद से हम चुनाव जीते हैं। – सरकार ने घोषणाएं की थीं, आपकी क्या रणनीति थी?
मल्होत्रा- सरकार ने पहले भी कई घोषणाएं की थीं। लेकिन वो घोषणाएं आज तक पूरी नहीं हुई। इसलिए जनता समझ गई कि इनके झूठे वादे और झूठी घोषणाएं हैं। इसलिए जनता ने बीजेपी पर विश्वास नहीं किया। कांग्रेस पार्टी पर भरोसा किया। – 30 अप्रैल को रावत ने बीजेपी जॉइन की, आपने 2 मई को कांग्रेस जॉइन की; वजह?
हां, उनके जाने की वजह से हम कांग्रेस में आए थे। हम पहले से कांग्रेसी थे लेकिन कुछ समय के लिए चले गए थे। – बीजेपी ने आपको मंत्री का दर्जा दिया था। वहां कैसा अनुभव था?
मल्होत्रा- बीजेपी में स्वतंत्रता नहीं हैं। उन्होंने 2013 में मुझे राज्यमंत्री का दर्जा दिया था। सहरिया विकास प्राधिकरण का अध्यक्ष बनाया था। लेकिन जब मैं पूरे संभाग में गरीब लोगों के लिए काम करने लगा तो उन्होंने दो महीने में ही बोर्ड भंग करके मुझे पद से हटा दिया था। वहां काम करने की स्वतंत्रता नहीं हैं। वहां जो विधायक, सांसद, मंत्री दबे हुए महसूस करते हैं। खुलकर जनता का विकास नहीं कर सकते इसलिए हमने तय किया कि हम कांग्रेस पार्टी में रहेंगे। – आप विपक्ष के विधायक हैं, विजयपुर को लेकर अब आगे क्या करेंगे?
मल्होत्रा- विजयपुर विशेष पिछड़ी विधानसभा है। सरकार ने तमाम घोषणाएं की हैं, जो शासन-प्रशासन के संज्ञान में हैं। उन घोषणाओं को लेकर मुख्यमंत्री, प्रभारी मंत्री से मिलकर काम कराने का प्रयास करेंगे।
– जिन गांवों में मारपीट और गोलीबारी की घटनाएं हुई थीं, आप क्या सोचते हैं?
मल्होत्रा- अभी भी धमकियां दे रहे हैं कि आपको मारा-पीटा जाएगा, आपको मार दिया जाएगा। ऐसा भय का वातावरण अभी भी पैदा कर रखा है, इसको लेकर भी हम मुख्यमंत्री जी से चर्चा करेंगे कि वहां के निवासी सुख-चैन से रह सके। – आपके चुनाव में कमलनाथ नहीं आए, क्या वजह रही?
मल्होत्रा-उनका दौरा कार्यक्रम बन रहा था लेकिन किन्हीं कारणों से वो नहीं आ पाए। लेकिन उनका वहीं से पार्टी के लिए सहयोग बहुत रहा।