गांधी नगर से बंगाली चौराहा तक जहां-जहां मेट्रो के अंडरग्राउंड स्टेशन के लिए जमीन लगेगी, वहां निगम अपनी आय के साधन तलाश रहा है। निगम एनओसी देने के पहले कमर्शियल कॉम्प्लेक्स का प्रस्ताव तैयार करवा रहा है। पहले चरण में मेट्रो को गांधी नगर से सुपर कॉरिडोर, बापट, विजय नगर होते हुए रोबोट चौराहा, कनाड़िया रोड, पलासिया, एमजी रोड, बड़ा गणपति से एयरपोर्ट तक चलाया जाएगा। निगम ही नहीं, आईडीए, पुलिस विभाग, हाई कोर्ट, हाउसिंग बोर्ड की जमीन भी मेट्रो रूट में आ रही है। मेट्रो कॉर्पोरेशन खुद भी प्रॉपर्टी डेवलपमेंट के लिए संभावनाएं तलाश रहा है। कॉर्पोरेशन को भी मेट्रो के संचालन के लिए कमर्शियल एक्टिविटी करना होगी। बापट चौराहा, कनाड़िया रोड, रीगल तिराहा, मराठी स्कूल के पास, बड़ा गणपति क्षेत्र में निगम की जमीन पर मेट्रो के स्टेशन आएंगे। 8 से ज्यादा स्थानों पर निगम की एनओसी लेना होगी 1. रीगल तिराहा और निगम मुख्यालय पर अंडरग्राउंड स्टेशन बनेंगे। इसके लिए मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन ने एनओसी मांगी है लेकिन निगम जमीन देने के बदले व्यावसायिक उपयोग की संभावना तलाश रहा है। 2. बापट चौराहा पर कम्युनिटी हॉल के लिए एनओसी मांगी गई लेकिन वहां निगम ने आपत्ति ले ली। अब आनंद मोहन माथुर सभागृह के पास की जमीन पर काम करने की अनुमति दी है। 3. छप्पन दुकान के पास भी मेट्रो को जमीन चाहिए होगी। इसकी एनओसी भी जारी होना है। 4. मिल्की वे टॉकिज की एनओसी राजस्व विभाग से मिलेगी। यह जमीन निगम की ही है। पिछले दिनों महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने मेट्रो के अधिकारियों के साथ बैठक की थी। उनसे कहा गया था कि जमीन पर वर्टिकल बिल्डिंग बना दी जाए ताकि उसका कमर्शियल उपयोग िनगम कर सके। अगर जमीन दी जा रही है तो उसके बदले निगम को भी कुछ आर्थिक लाभ मिलना चाहिए। 5. मराठी स्कूल के पीछे की ओर की जमीन पर भी अंडरग्राउंड स्टेशन आ रहा है। यहां निगम की नई बिल्डिंग भी प्रस्तावित है। इसलिए स्कूल और नगर निगम मुख्यालय के बीच की जमीन मेट्रो को दी जाएगी। 6. मल्हारगंज थाने के पास बगीचा है। वहां भी मेट्रो कॉर्पोरेशन को काम करने की अनुमति की जरूरत है। साइड में ही दुकानें भी संचालित होती हैं। निगम को पहले वहां व्यवसाय कर रहे दुकानदारों का व्यवस्थापन भी देखना होगा, इसलिए वहां की एनओसी भी होल्ड है। 7. बड़ा गणपति चौराहा पर शारदा कन्या विद्यालय के पास भी थोड़ी जमीन जमीन आ रही है। 8. गांधी नगर से रीगल चौराहा तक अंडरग्राउंड कॉरिडोर बनाने का काम संभवत: जनवरी में शुरू हो जाएगा। इसके लिए कई विभागों की जमीन आ रही है, जहां काम करने के लिए मेट्रो को एनओसी की जरूरत है।