ग्वालियर में मंगलवार को संविधान दिवस धूमधाम से मनाया गया। महाराज बाड़े स्थित केंद्रीय पुस्तकालय में संविधान की 16 मूल प्रतियों में से एक हस्तलिखित प्रति प्रदर्शित की गई। इस ऐतिहासिक दस्तावेज को देखने के लिए 600 से ज्यादा लोग पहुंचे। इसके अलावा, डिजिटल प्रति को 65 इंच की स्क्रीन पर भी प्रदर्शित किया गया। संविधान की इस मूल प्रति को आमजन के लिए साल में केवल दो बार ही बाहर निकाला जाता है। संविधान दिवस के अवसर पर पुलिस अधीक्षक और कलेक्टर कार्यालय में अधिकारियों और कर्मचारियों ने संविधान की प्रस्तावना का सामूहिक वाचन किया। न्यायालय में भी हुआ विशेष आयोजन जिला न्यायालय परिसर में संविधान दिवस की 75वीं वर्षगांठ पर प्रांगण में प्रस्तावना का वाचन हुआ। प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश के मार्गदर्शन में विशेष न्यायाधीश (एट्रोसिटीज) प्रमोद कुमार सिंह की उपस्थिति में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर जिला मुख्यालय के समस्त जिला न्यायाधीश, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट नितिन कुमार मुजाल्दा, जिला रजिस्ट्रार अमित मालवीय, नगर निगम मजिस्ट्रेट धर्म कुमार सहित जिला मुख्यालय के समस्त न्यायिक मजिस्ट्रेट,जिला विधिक सहायता अधिकारी दीपक शर्मा, लीगल एड डिफेंस काउंसिल्स सहित न्यायालय एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के कर्मचारी स्टाफ व अधिवक्तागण उपस्थित रहें। संविधान की प्रस्तावना के पूर्व संविधान निर्माता बाबा भीमराव अम्बेडकर के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की गई तत्पश्चात विशेष न्यायाधीश प्रमोद कुमार सिंह द्वारा संविधान की प्रस्तावना का सामूहिक वाचन करवाया गया। सिंधिया राजवंश को मिली थी संविधान की यह मूल कॉपी गौरतलब है कि ग्वालियर की सेंट्रल लाइब्रेरी में संविधान की मूल प्रति संरक्षित है। यह प्रति 26 नवंबर 1949 को तैयार भारत के संविधान की उन 16 प्रतियों में से एक है, जिन पर डॉ. राजेंद्र प्रसाद और जवाहरलाल नेहरू सहित संविधान सभा के सदस्यों के हस्ताक्षर हैं। भारत सरकार ने यह प्रति सिंधिया राजवंश को सौंपी थी।