भिंड में बन रहा शौर्य स्मारक,शहीदों के नाम होंगे अंकित:वीरता और बलिदान की शौर्य गाथा होगी सजीव, धौलपुर से मंगवाए गए काले पत्थरों से हो रहा निर्माण

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चंबल संभाग के भिंड जिले में वीर जवानों की शहादत को स्मृतियों में बनाए रखने के लिए शौर्य स्मारक का निर्माण किया जा रहा है। सर्किट हाउस के पास स्थित इस स्मारक का उद्देश्य उन बहादुर जवानों को श्रद्धांजलि देना है, जिन्होंने देश की रक्षा में अपने प्राणों की आहुति दी। यह स्मारक न केवल भिंड जिले के गौरवशाली इतिहास को सजीव करेगा, बल्कि देशभक्ति और प्रेरणा का प्रतीक बनेगा। स्मारक का ऐसा होगा स्वरूप
शौर्य स्मारक की ऊंचाई 21 फीट और चौड़ाई 15×20 फीट है। इसे राजस्थान के धौलपुर से मंगवाए गए काले पत्थरों से बनाया जा रहा है। फिरोजाबाद की निर्माण एजेंसी गुलशन ट्रेडर्स और राजस्थान के अनुभवी कारीगर इसकी कटिंग और फिटिंग का काम कर रहे हैं। लगभग एक करोड़ रुपए की लागत से बन रहा यह स्मारक अपने अद्वितीय डिजाइन और मजबूत निर्माण के लिए चर्चित है। वीर जवानों के नाम होंगे अंकित
1962 के भारत-चीन युद्ध, 1965 और 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध, और 1999 के कारगिल युद्ध में शहीद हुए भिंड जिले के 82 से अधिक जवानों के नाम स्मारक पर अंकित किए जाएंगे। यह कदम शहीदों की वीरता को इतिहास के पन्नों में हमेशा के लिए दर्ज करेगा। आकर्षक होगी स्मारक दर्शक दीर्घा : स्मारक के चारों ओर एक दर्शक दीर्घा बनाई गई है, जिसमें 100-150 लोगों के बैठने की क्षमता है। यहां लोग शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित कर सकते हैं। शौर्य पार्क के चारों ओर हरियाली और फूलों की व्यवस्था की जा रही है। साथ ही, शिखर को रोशन करने और आकर्षक लाइटिंग की व्यवस्था की गई है। यह स्थान न केवल स्थानीय निवासियों के लिए बल्कि पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बनेगा। 12 हजार से ज्यादा सेना में: भिंड जिले में 12000 से अधिक जवान सेना में भर्ती है। अलग-अलग क्षेत्र में देश की सीमा पर तैनात है और भारत मां की रक्षा कर रहे हैं। वहीं जिले के अंदर 9000 से अधिक रिटायर्ड सैनिक हैं। सैनिक संघ बोलाः गर्व की बात है पूर्व सैनिक संघ के जिला अध्यक्ष रिटायर्ड सूबेदार मेजर राकेश सिंह कुशवाहा ने इस पहल को भिंड जिले के लिए गर्व का विषय बताया। उन्होंने कहा, “यह स्मारक उन वीर सपूतों की याद में बनाया जा रहा है, जिन्होंने अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए। यह न केवल शहीदों के परिवारों का सम्मान बढ़ाएगा, बल्कि युवाओं को भी देशभक्ति के लिए प्रेरित करेगा।” शौर्य स्मारक से वीरता की मिसाल
भिंड का शौर्य स्मारक न केवल वीरता और बलिदान की मिसाल है, बल्कि यह चंबल के वीर सपूतों की गौरवशाली परंपरा को भी नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएगा। स्थानीय प्रशासन द्वारा उठाया गया यह कदम आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा। शौर्य स्मारक भिंड जिले के वीर जवानों को सम्मानित करने का एक उत्कृष्ट प्रयास है। यह स्मारक न केवल शहीदों की यादों को जीवित रखेगा, बल्कि स्थानीय निवासियों और पर्यटकों के लिए एक ऐतिहासिक और भावनात्मक स्थल बनकर उभरेगा। वीरता और बलिदान का यह प्रतीक भविष्य में देशभक्ति और राष्ट्रीय गौरव का संदेश देता रहेगा।