मध्यप्रदेश में रात का टेम्प्रेचर 6 डिग्री से नीचे पहुंच गया है। हिल स्टेशन पचमढ़ी में पारा 5.6 डिग्री है। वहीं, राजधानी भोपाल, जबलपुर समेत 10 शहरों में पारा 10 डिग्री से कम है। IMD भोपाल की वैज्ञानिक शिल्पा आप्टे ने बताया, अगले 3 से 4 दिन तक कड़ाके की ठंड के आसार नहीं है। दिसंबर में मौसम बदलेगा और तेज सर्दी पड़ेगी। मौसम वैज्ञानिक आप्टे ने बताया, उत्तर भारत में वेस्टर्न डिस्टरबेंस का असर खत्म है। इस वजह से ग्वालियर-चंबल में बारिश होने के आसार नहीं है। वहीं, उत्तरी हवाओं की रफ्तार कम है। जिसकी वजह से ठंड का असर कम हुआ है, जो अगले 3 से 4 दिन तक बना रहेगा। यानी, नवंबर के आखिरी दिनों में कड़ाके की ठंड नहीं रहेगी। पहाड़ों में बर्फबारी, दिसंबर में कड़ाके की ठंड
मौसम विभाग के अनुसार, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बर्फबारी के कारण प्रदेश में ठंड का असर बढ़ गया। अब हिमाचल प्रदेश में भी बर्फ गिर रही है। ऐसे में हवा की रफ्तार बढ़ने का अनुमान है। ऐसा होता है तो दिसंबर के पहले सप्ताह से ही मध्यप्रदेश में कड़ाके की ठंड का दौर फिर से शुरू हो जाएगा, जो पूरे महीने ही बना रहेगा। भोपाल, जबलपुर में 10 डिग्री से नीचे तापमान
मौसम विभाग के अनुसार, रविवार-सोमवार की रात भोपाल, जबलपुर में टेम्प्रेचर 10 डिग्री से कम रहा। भोपाल में 9.6 डिग्री और जबलपुर में 9.9 डिग्री दर्ज किया गया। पचमढ़ी में 5.6 डिग्री, शहडोल के कल्याणपुर में 7.3 डिग्री, मंडला में 7.8 डिग्री, शाजापुर के गिरवर में 8.6 डिग्री, उमरिया में 9.3 डिग्री, राजगढ़ में 9.6 डिग्री और नौगांव में पारा 9.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मलाजखंड, छिंदवाड़ा, बैतूल, रीवा, खरगोन, टीकमगढ़, रायसेन और गुना में पारा 12 डिग्री से कम रहा। बड़े शहरों की बात करें तो इंदौर में 13.7 डिग्री, ग्वालियर में 12.1 डिग्री और उज्जैन में पारा 12.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। दिन के तापमान में बढ़ोतरी
रविवार-सोमवार की रात में कई शहरों में पारे में गिरावट हुई तो सोमवार को दिन में पारा बढ़ गया। पश्चिमी हिस्से के जिले- भोपाल, इंदौर, उज्जैन में पारे में मामूली गिरावट हुई, लेकिन ग्वालियर, शिवपुरी, नर्मदापुरम, बैतूल, धार में भी पारा 2 डिग्री तक बढ़ गया। पूर्वी हिस्से के जिले- दमोह, जबलपुर, खजुराहो, मंडला, नरसिंहपुर, रीवा, सतना, सीधी, टीकमगढ़, उमरिया और मलाजखंड में भी 2 डिग्री तक तापमान बढ़ गया। खजुराहो में सबसे ज्यादा 31.2 डिग्री पारा रहा। अब जानिए, नवंबर में 5 बड़े शहरों में ट्रेंड… भोपाल में पारा रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा
नवंबर में राजधानी में रात का तापमान 9 से 12 डिग्री सेल्सियस पहुंच जाता है। पिछले 10 साल से ऐसा ही ट्रेंड रहा है। इस बार भी दूसरे सप्ताह से पारा तेजी से लुढ़क रहा है और यह 8.8 डिग्री पहुंच गया है, जो रिकॉर्ड है।
मौसम विभाग के अनुसार, भोपाल में नवंबर में रात का तापमान 6.1 डिग्री तक पहुंच चुका है। यह 30 नवंबर 1941 को दर्ज किया गया था। इस महीने बारिश होने का ट्रेंड भी है। 10 साल में दो बार बारिश हो चुकी है। साल 1936 में इस महीने में साढ़े 5 इंच से ज्यादा पानी गिर चुका है। इंदौर में ठंड का असर तेज
नवंबर में इंदौर में भी ठंड का असर रहता है। खासकर दूसरे सप्ताह से पारा तेजी से गिरता है। इस वजह से रातें ठंडी हो जाती हैं और टेम्प्रेचर 10 से 12 डिग्री के बीच रहता है। इस बार भी ऐसा ही हो रहा है। हालांकि, 25 नवंबर 1938 को पारा 5.6 डिग्री सेल्सियस तक जा चुका है। कभी-कभार बारिश भी हो जाती है। दिन में 31 से 33 डिग्री के बीच तापमान रहता है। अभी दिन का तापमान भी 30 डिग्री से नीचे है। नवंबर में सबसे सर्द रहता है ग्वालियर
पिछले 10 साल के आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में पारा 6 डिग्री तक पहुंच चुका है। 54 साल पहले वर्ष 1970 में टेम्प्रेचर 3 डिग्री तक पहुंच चुका है। यह ओवरऑल रिकॉर्ड है। 2 नवंबर 2001 को दिन का तापमान 37.3 डिग्री तक पहुंच चुका है जबकि यह सामान्य तौर पर 33 से 35 डिग्री के बीच रहता है। इस महीने बारिश भी होती है। 1927 में पूरे महीने 3 इंच से ज्यादा पानी गिरा था। 10 साल में 3 बार ऐसा ही मौसम रह चुका है। जबलपुर में 1946 में 6 इंच से ज्यादा बारिश
पिछले 10 साल में 2022 में न्यूनतम पारा 7.8 डिग्री तक जा चुका है। ओवरऑल रिकॉर्ड 12 नवंबर 1989 को दर्ज किया गया था, तब टेम्प्रेचर 3.9 डिग्री तक पहुंच गया था। 1946 में पूरे महीने 6 इंच से ज्यादा पानी गिरा था। 10 साल में दो बार बारिश हो चुकी है। दिन में 30 से 33 डिग्री के बीच तापमान रहता है। उज्जैन में न्यूनतम तापमान 10-11° के बीच
यहां 30 नवंबर 1974 को रात का तापमान 2.8 डिग्री सेल्सियस पहुंच चुका है। यह ओवरऑल रिकॉर्ड है। वहीं, 6 नवंबर 2008 को दिन का तापमान 36.5 डिग्री रहा था। पिछले 10 साल की बात करें तो न्यूनतम तापमान 10-11 डिग्री के बीच रहा है जबकि दिन में यह 33 से 35 डिग्री के बीच पहुंच चुका है।