जिला मुख्यालय की कृषि उपज मंडी और भैरव शक्तिपीठ पर शनिवार को कालभैरव जी की जयंती हर्षोल्लास के साथ मनाई गई। इस अवसर पर मंडी में पंडितों के मार्गदर्शन में सुबह से ही भैरव जयंती पर श्रद्धा पूर्वक कई कार्यक्रम हुए।मंडी के मंदिर में विशेष अनुष्ठान हुआ। वहीं भैरव चालीसा के पाठ के बाद पंडितों ने हवन कराया। काल भैरव अष्टमी के उपलक्ष्य में मंदिर में भगवान शंकर के साथ ही उनके काल भैरव अवतार की भी पूजा की गई। इसी तरह शहर के स्वामी विवेकानंद स्कूल के पास भैरव शक्ति पीठ पर भैरव जी महाराज का आकर्षण श्रंगार कर विशेष पूजन हवन किया गया।यहां सुबह से भक्तों ने पहुंचकर भैरवनाथ को इमरती और जलेबी का भोग लगाया। मंत्रोच्चारण के साथ भगवान शिव का जलाभिषेक किया गया।पंडित शैलेश उपाध्याय व बालकृष्ण पाराशर ने बताया कि भगवान भैरव की महिमा कई शास्त्रों में मिलती है। भैरव भगवान शिव के गण के रूप में जाने जाते हैं। इस दिन भगवान शिव ने काल भैरव का अवतार लिया था। भगवान भैरव अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करके,उनके जीवन को अपने आशीर्वाद से खुशहाल बनाते हैं। भैरव उपासना जल्दी फल देने के साथ-साथ क्रूर ग्रहों के प्रभाव को भी शांत करती है। राहु-केतु के उपायों के लिए भी इनका पूजन लाभदायक है।भैरव कवच पाठ करने से असामयिक मृत्यु से बचा जा सकता है। कृषि मंडी के इस प्रसिद्ध भैरव मंदिर में व्यापारियों, तुलावटियों, किसानों और मंडी के कर्मचारियों ने हवन और आरती में हिस्सा लिया गया। जिसके बाद महाआरती के बाद भंडारे का भी आयोजन किया गया। 25 सालों से हर साल होता है भंडारा जिला मुख्यालय की कृषि उपज मंडी में हर साल भैरव अष्टमी पर विशेष पूजन अर्चन किया जाता है।ग्रेन मर्चेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष महेश अग्रवाल ने बताया कि बीते 25 सालों से यहां पर भैरव अष्टमी श्रद्धापूर्वक मनाई जाती है।