साइबर ठगी के नए-नए तरीके लगातार सामने आ रहे है। लोगों को साइबर फ्रॉड से बचाने के लिए रतलाम पुलिस लगातार साइबर सिक्योरिटी एडवाइजरी जारी कर रही है। साइबर अपराधी धोखाधड़ी के नए-नए तरीके अपना रहे है, हाल फिलहाल डिजिटल अरेस्ट के मामले सामने आ रहे है। इससे बचने के लिए रतलाम पुलिस ने एडवाइजरी जारी की है। रतलाम एसपी अमित कुमार ने बताया कि सायबर ठगी के नए-नए तरीकों के प्रति आम लोगों को जागरूक किया जा रहा है। साइबर फ्रॉड के तरीके और उनसे बचने के उपाय के बारे में समय-समय पर एडवाइजरी जारी की जा रही है। मौजूदा समय में धोखाधड़ी के नए तरीके डिजिटल अरेस्ट के सामने आ रहे है। इसी से बचने के बारे में एडवाइजरी जारी की है। भारतीय कानून में कही पर भी डिजिटल अरेस्ट जैसा कोई प्रावधान नहीं है। एसपी ने अपना एक वीडियो भी जारी किया है। क्या है डिजिटल अरेस्ट डिजिटल अरेस्ट साइबर अपराधियों द्वारा लोगों को डरा धमका कर धोखाधड़ी का नया तरीका है। स्कैमर्स स्वयं को पुलिस, ईडी, सीबीआई या इनकमटैक्स का अधिकारी बताकर फोन करते है। सोशल मीडिया अकाउंट या अन्य ओपन सोर्स से हमारी पर्सनल जानकारी जैसे हमारे कार्यक्षेत्र से जुड़ी, परिवार के लोगों की जानकारी जुटाकर हमे बताते है। जिससे हमें उनकी बातों पर विश्वास हो जाए, फिर हमें किसी गंभीर अपराध में संलिप्तता बताकर जैसे कोई ड्रग मिली है इस पर इस पर आपका नाम नंबर लिखा है या आपके अकाउंट में इंलीगल फंड आया है या आपके नाम का गिरफ्तारी वारंट है। जिसके बाद अपराधी बोलता है कि हम आपको डिजिटल अरेस्ट कर रहे है। आपको फिर किसी माध्यम से वीडियो कॉल से जुड़ने के लिए कहा जाता है। फिर आपको कहा जाता है कि आप डिजिटल अरेस्ट किए गए है। अब आप वीडियो कॉल डिस्कनेंट नहीं कर सकते और यहां से कही जा नहीं सकते। किसी से कोई संपर्क नहीं कर सकते। साइबर अपराधी आपको एक कमरे में बंद रहने के लिए धमकाते हुए मजबूर करते है। अपराधी वीडियो कॉल पर पुलिस की यूनिफॉर्म में दिखाई देते है। पुलिस कार्रवाई का डर दिखाकर पैसों की मांग करते है। साइबर अपराधी कह सकते है कि आपके बैंक खाते में अवैध फंड आया है हम उसकी जांच कर रहे है। जांच चलने तक आप डिजिटल अरेस्ट रहेंगे। वीडियो कॉल छोड़कर कही जा नहीं सकते फिर आपसे आपकी बैंक डिटेल्स मांगते है। आपकी व्यक्तिगत एवं बैंक से संबंधित गोपनीय जानकारी लेकर आपके खाते से रुपए उड़ा देते है। एक अन्य तरीका यह भी है एसपी के अनुसार एक अन्य तरीका यह भी है कि साइबर अपराधी किसी अनजान नंबर से फोन करते है। कहते है कि आपका बेटा/बेटी एक संगीन अपराध में संलिप्त है। जिसे हमने गिरफ्तार किया है। उसे छुड़ाना चाहते हो तो तुरंत हमारे बताए अकाउंट में रुपए ट्रांसफर कर दो। साइबर अपराधी आपको विश्वास दिलाने के लिए आपके बच्चे का नाम या उसकी व्यक्तिगत जानकारी भी बताते है और आपके बेटे/ बेटी से मिलती जुलती आवाज में किसी से बात भी करवाते है। आपको हिदायत देते है कि आपके बेटे/बेटी से संपर्क करने का प्रयास मत करना क्योंकि उसका फोन सर्विलांस पर है। वॉट्सऐप पर फर्जी गिरफ्तारी वारंट समंस भेजकर डराते है। केस निपटाने के नाम पर रुपयों की मांग की जाती है। ऐसे बचे डिजिटल अरेस्ट