हरदा जिले के टिमरनी में खेत के रास्ते को लेकर बुजुर्ग किसान ने आत्महत्या कर ली। शुक्रवार सुबह जिला अस्पताल में पीएम के बाद परिजनों ने मृतक के शव को कलेक्टर बंगले के सामने प्रदर्शन किया। परिजनों ने मृतक को धमकी देने और उन्हें पांच सालों से परेशान करने वालों पर कार्रवाई की मांग की है। दरअसल, टिमरनी के डगावानीमा गांव के एक 72 वर्षीय बुजुर्ग किसान बाबूलाल जाट ने खेत में जाने वाले आम रास्ते के विवाद को लेकर गुरुवार सुबह जहरीली दवाई का सेवन कर लिया था। किसान की निजी अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई। 25 साल पहले से खेत तक जाने के लिए आम रास्ता था
परिजनों का आरोप है कि 25 साल पहले से खेत तक जाने के लिए आम रास्ता था। आरोपी रामेश्वर गोल्या ने रास्ते में ही बोरिंग कर ली। आरआई पटवारी ने सीमांकन किया तो बोरिंग सरकारी जमीन के बीच मे आ रही थी। इसके बाद दूसरे पक्ष के लोगों ने खूंटी तोड़ दी। हरदा तहसीलदार को आवेदन दिया तो उन्होंने गलत ऑर्डर निकाल दिया। तहसीलदार ने मृतक की निजी जमीन को सरकारी घोषित कर दिया। परिजनों को समझाइश देने पहुंचे अधिकारी
कलेक्टर बंगले के सामने शव रखकर प्रदर्शन कर रहे लोगों को सयुंक्त कलेक्टर रजनी वर्मा, एएसपी आरडी प्रजापति समझाइश देने पहुंचे। परिजनों और रहवासियों के साथ उनकी बहस भी हुई है। अधिकारी शव को निवास के सामने से हटाने की समझाइश देते रहे।