बीती 4 नवंबर को जबलपुर के बिल्डर को किडनैप करने की कोशिश करने वाले तीन आरोपियों को 250 किमी दूर रीवा से गिरफ्तार कर लिया गया है। उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर के रहने वाले आरोपियों का बिल्डर से जमीन के मामले में रुपयों के लेनदेन को लेकर विवाद था। अपहरणकर्ताओं के चंगुल से छूट कर बिल्डर ने लॉर्डगंज थाने पहुंचकर घटना की सूचना दी। पुलिस ने मौके पर पहुंच कर आसपास लगे सीसीटीवी खंगालने के बाद गाड़ी नंबर और मोबाइल लोकेशन के आधार पर तीनों आरोपियों का पीछा कर उन्हें 250 किमी दूर रीवा से गिरफ्तार कर लिया। यह है पूरा मामला… ओमती निवासी बिल्डर हिमांशु यादव रविवार सुबह महाराष्ट्र हाई स्कूल के पास स्थित अपने ऑफिस पहुंचा ही थे। कुछ ही देर में वैगन-R कार में सवार होकर आए तीन लोगों ने उन्हें बात करने के लिए बाहर बुलाया। जैसे ही हिमांशु उनके पास पहुंचे, तीनों युवक उन्हें पकड़ कर जबरन कार में बैठाने लगे। हिमांशु के चिल्लाने पर तीनों ने उसके साथ मारपीट शुरू कर दी। रोपियों ने हिमांशु को धमकाते हुए कहा, ये सुल्तानपुर की पकड़ है, छूटेगी नहीं। तीनों युवक हिमांशु को कार में बैठाकर निकलने ही वाले थे कि तभी मौका देखकर पीड़ित कार से बाहर निकला और दौड़ लगाते हुए लार्ड गंज थाने पहुंच गया। चार माह पहले हुआ था जमीन का सौदा
जबलपुर निवासी हिमांशु यादव की अधारताल निवासी जेपी यादव के जरिए सुल्तानपुर में रहने वाले उमा शंकर यादव से चार माह पहले मुलाकात हुई थी। उमा शंकर ने हिमांशु से कुंडम के पास 10 लाख रुपए में दो हजार स्क्वायर फिट जमीन खरीदी। हिमांशु को 4 लाख रुपए एडवांस दिया गया, जिसके बाद जमीन के दस्तावेज तैयार किए गए। एक माह पहले उमा शंकर ने जमीन खरीदने से ये कहते हुए मना कर दिया कि अब वह जबलपुर में नहीं लखनऊ में जमीन खरीदेगा। हिमांशु ने उमा शंकर को ढाई लाख रुपए का चेक दे दिया, और बाकी के रुपए भी जल्द देने को कहा। बचे हुए रुपए को लेकर दोनों का फोन पर जमकर विवाद हुआ। हिमांशु को धमकी दी गई कि अब 10 लाख रुपए देगा, तभी तेरी जान बचेगी, नहीं तो जबलपुर से उठाकर यूपी लेकर आएंगे और तेरी हत्या कर देंगे। परिवार वालों को लाश भी नहीं मिलेगी। धमकी को अंजाम देने पहुंचे बदमाश
उमा शंकर की धमकी को हिमांशु ने हल्के में लिया और फिर अपने काम में लग गया। रविवार सुबह उमा शंकर यादव अपने दो दोस्त रवि प्रसाद और अभिषेक तिवारी के साथ राइट टाउन स्थित हिमांशु के ऑफिस पहुंचा। तीनों ने हिमांशु का मोबाइल जिसका नंबर 9301809924 छीना, उसे बंद किया और जबरन अपहरण कर उसे सुल्तानपुर ले जाने के लिए कार में बैठाने लगे। उमा शंकर बार-बार बोल रहा था कि अब रुपए भी देगा और अपनी जान भी। हिमांशु ने शोर मचाना शुरू किया तो आरोपियों ने उसका मुंह दबा दिया। इसके बाद भी वह हाथ-पैर मार रहा था, तभी कार का दरवाजा खुल गया और बदमाशों की पकड़ से छूट कर हिमांशु ने दौड़ लगा दिया। उमा शंकर अपने दोनों दोस्तों के साथ वहां से फरार हो गया। जाते-जाते हिमांशु का मोबाइल जरूर लेकर चला गया। थाने पहुंचकर बोला-मेरा अपहरण किया जा रहा था
उमाशंकर और उसके दोनों दोस्तों की पकड़ से छूटने के बाद हिमांशु लार्डगंज थाने पहुंचा जहां उसने बताया कि उत्तर प्रदेश सुल्तानपुर से तीन लोग अपहरण कर हत्या करने के लिए अपने साथ ले जा रहे थे। सीएसपी रितेश शिव नेस एएसआई मनोज गोस्वामी को मौके पर जाने के निर्देश दिए। एएसआई मनोज आरक्षक शुभम और हेमराज के साथ मौके पर पहुंचे और आसपास के सीसीटीवी खंगाले। उमाशंकर की वैगन-R कार का नंबर यूपी-54 एनए 8656 सहित जानकारी कटनी, सतना और रीवा पुलिस को दी। सीएसपी के निर्देश पर एएसआई एक टीम के साथ उत्तरप्रदेश के सुल्तानपुर रवाना हो गए। आगे अपराधी-पीछे पुलिस
हिमांशु का अपहरण करने में नाकाम उमाशंकर अपने दोनों दोस्त रवि प्रसाद और अभिषेक तिवारी के साथ उत्तर प्रदेश की ओर भागा। आखिरकार रीवा पुलिस की मदद से जबलपुर पुलिस ने तीनों आरोपियों को हनुमना घाट पर पकड़ लिया। आरोपियों से हिमांशु का मोबाइल भी जब्त किया है। पुलिस के मुताबिक जिस कार से आरोपी आए थे, वो किराए की थी।