देवउठनी ग्यारस पर गन्ने का मंडप सजाकर तुलसी शालिग्राम का विवाह कराने की परंपरा है। जिसके चलते सोमवार को एक दिन पहले से ही शहर में करीब 30 से ज्यादा स्थानों पर ग्रामीण क्षेत्र के किसान गन्ना बेचने के लिए आए हैं। जिले के अलावा आसपास के करीब 5 जिलों से ट्रक में भरकर गन्ना लाया गया है। इस बार डेढ़ सौ रुपए में पांच गन्ने बेचे जा रहे हैं। शहर के चकरा तिराहा पर दमोह जिले के हटा से ट्रक भरकर गन्ना लाया गया है। किसान कुसुम ने बताया कि करीब 5 हजार गन्ना मंगाया है। 30 रुपए में 1 गन्ना बेच रही हैं। मंहगाई के बाद भी गन्नों की खरीदारी के लिए जगह-जगह लोगों की भीड़ लगी है। नजरबाग स्थित रामराजा मंदिर के पुजारी सुरेंद्र मोहन द्विवेदी ने बताया कि देवउठनी ग्यारस पर्व पर सुबह से ही बुंदेलखंड के प्रसिद्ध तीर्थ क्षेत्र शिव धाम कुंडेश्वर में श्रद्धालु पूजा अर्चना करने पहुंचते हैं। कार्तिक स्नान करने वाली महिलाएं नदी के तट पर गन्ने का मंडप सजाकर विधि विधान से तुलसी और शालिग्राम का विवाह संपन्न करती हैं। कुंडेश्वर मंदिर के पुजारी जमुना तिवारी महाराज ने बताया कि कार्तिक मास में शिव धाम कुंडेश्वर में हर दिन आसपास के ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं स्नान करने पहुंचती हैं। मंगलवार सुबह से महिलाएं जमडार नदी में स्नान करने के बाद नदी के तट पर गन्ने का मंडप सजाकर पूजा-अर्चना करेंगी। इस दौरान कार्तिक गीत गाकर नृत्य कर देव उठनी ग्यारस पर्व मनाएंगी। कुंडेश्वर मंदिर में लगा मेला कार्तिक मास में देवउठनी ग्यारस पर शिव धाम कुंडेश्वर में दो दिवसीय मेला लग गया है। मंगलवार सुबह से लेकर देर रात तक हजारों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने पहुंचेंगे।