कार्तिक – अगहन मास में बाबा महाकाल की दूसरी सवारी सोमवार (11 नवंबर) को राजसी ठाट-बाट के साथ निकलेगी। पालकी में सवार होकर मनमहेश स्वरूप में भगवान महाकाल प्रजा का हाल जानेंगे। श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक गणेश कुमार धाकड़ ने बताया कि, भगवान श्री महाकालेश्वर कार्तिक मास में नगर भ्रमण करने पालकी में सवार होकर शहर में निकलते हैं। सोमवार को शाम 4 बजे भगवान महाकाल मनमहेश के रूप में अपनी प्रजा का हाल जानने नगर भ्रमण पर निकलेंगे। इससे पहले सभामंडप में भगवान का पूजन होगा। इसके बाद सवारी प्रारंभ होगी। भगवान महाकाल की सवारी के साथ पुलिस बैंड, घुड़सवार दल, सशस्त्र पुलिस बल के जवान रहेंगे। नगर भ्रमण के दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु भगवान महाकाल की पालकी पर पुष्प वर्षा कर राजाधिराज का स्वागत करते हैं। भगवान महाकाल का शिप्रा तट पर अभिषेक पूजन के बाद परंपरागत मार्ग से सवारी वापस मंदिर की ओर रवाना होती है। यह रहेगा सवारी का मार्ग कार्तिक मास की दूसरी सवारी श्री महाकालेश्वर मंदिर से प्रारंभ होकर गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार कहारवाडी होते हुए रामघाट शिप्रा तट पहुंचेगी। वहां शिप्रा के जल से पूजन-अर्चन के बाद भगवान महाकाल की सवारी रामघाट से गणगौर दरवाजा, मोढ़ की धर्मशाला, कार्तिक चौक, खाती का मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, ढाबा रोड़, टंकी चौराहा, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार, गुदरी बाजार महाकाल घाटी होते हुए पुन: महाकाल मंदिर पहुंचेगी।