सीएम यादव ने रतनगढ़ मेले के आयोजकों की प्रशंसा की:कर्मचारियों को दी बधाई, एक माह पहले से तैयारी में जुटा था प्रशासन

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दतिया के रतनगढ़ माता मंदिर पर हर साल होने वाला दूज पर्व मेला इस बार भी भव्य रूप से आयोजित हुआ। मेले के सफल आयोजन पर प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने जिले के अधिकारियों और कर्मचारियों को बधाई दी। मुख्यमंत्री ने एक्स पर लिखा, “मध्यप्रदेश के दतिया जिले के रतनगढ़ माता मंदिर में हर साल भाई दूज पर आयोजित भव्य मेले के सफल आयोजन के लिए समस्त अधिकारियों और जिला प्रशासन की टीम का अभिनंदन करता हूं। इस मेले में 32 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने रतनगढ़ माता और कुंअर महाराज के दर्शन किए। इससे क्षेत्र के आर्थिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा।” रतनगढ़ माता मंदिर विंध्याचल पर्वत के घने जंगल में स्थित है। यहां एक अन्य मंदिर भी है, जो कुंवर महाराज को समर्पित है। मंदिर के बारे में मान्यता है कि रतनगढ़ माता के दर्शन से सर्पदंश पीड़ितों का जहर उतर जाता है, इसलिए लोग यहां बंध कटवाने के लिए आते हैं। कई श्रद्धालु तो पिंड भरकर यानी जमीन पर लेटकर मंदिर पहुंचते हैं। सुरक्षा व्यवस्था और प्रशासन की तैयारी
मेले के दौरान सुरक्षा और व्यवस्था बनाए रखने के लिए जिला प्रशासन ने एक माह पहले से तैयारी शुरू कर दी थी। मेले में सुरक्षा की दृष्टि से 2500 जवान तैनात किए गए थे, जिनमें पुलिस, होमगार्ड, परिवहन विभाग और आबकारी विभाग के कर्मी शामिल थे। इसके अलावा, 1 हजार से ज्यादा जिला प्रशासन के कर्मचारी, जिसमें तहसीलदार से लेकर सचिव तक मेले के सफल आयोजन में जुटे हुए थे। प्रशासन ने कई विशेष इंतजाम किए थे
मेले में 400 बीघा क्षेत्र में 25 पार्किंग स्थान बनाए गए थे। मेले के दौरान किसी भी दुर्घटना से बचने के लिए प्रशासन ने कई विशेष इंतजाम किए थे। यहां एक हेलीपैड, तीन क्रेन, जेसीबी, और 20 फायर ब्रिगेड तैनात किए गए थे। इसके साथ ही सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए थे, जिनकी मॉनिटरिंग के लिए एक कंट्रोल रूम भी स्थापित किया गया था। देश का सबसे भारी घंटा
रतनगढ़ माता मंदिर में एक और विशेष आकर्षण है – यहां 1935 किलो वजनी घंटा है, जिसे 2015 में चढ़ाया गया था। ये घंटा देश का सबसे भारी घंटा माना जाता है।