उमरिया जिले के बांधवगढ़ में दस हाथियों की मौत के मामले की जांच के लिए दिल्ली से आई टीम बांधवगढ़ में डेरा डाले है। इस टीम के सदस्यों द्वारा घटना के कारणों की बारीकी से जांच की जा रही है। यह जांच टीम राज्य सरकार की टीम से अलग है और हाथियों के मौत के हर संभव कारणों की तलाश कर रही है। हाथियों की मौत की सूचना के बाद दूसरे दिन केंद्र सरकार की ओर से वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो (डब्ल्यूसीसीबी) नई दिल्ली ने मामले की जांच के लिए एक समिति गठित की है। इस जांच टीम में पांच अधिकारी शामिल किए गए हैं, जो जॉइंट डायरेक्टर डॉ. कृपाशंकर के नेतृत्व में बांधवगढ़ पहुंचे हैं और हाथियों की मौत के कारण पता कर रहे हैं। पांच दिन से इस टीम के चार सदस्य अभी भी बांधवगढ़ में ही रुककर जांच कर रहे हैं। यह टीम पता कर रही है कि कहीं हाथियों को जहर देकर तो नहीं मारा गया है। हाथियों की मॉनिटरिंग के लिए अलग टीम उधर, अपर मुख्य वन संरक्षक वन्य-जीव एल कृष्णमूर्ति ने बताया कि टाइगर रिजर्व में 6 विशेष दल बनाकर स्वस्थ हाथियों की मॉनिटरिंग की जा रही है। खितौली रेंज के बगदरा बीट में रेस्क्यू किए गए हाथी की वन्य-प्राणी चिकित्सकों द्वारा लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है। कृष्णमूर्ति ने बताया कि मानव-हाथी द्वंद्व एवं वन्य-प्राणी प्रबंधन के लिए हाथियों के मूवमेंट क्षेत्रों से लगे गांवों में मुनादी कराई जा रही है। साथ ही प्रबंधन को मजबूत करने के लिए बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में मुख्य वन संरक्षक शहडोल द्वारा 35 स्टाफ कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है।