शिवपुरी जिले के तेंदुआ थाना क्षेत्र के पिपरा गांव में टमाटर के खेत में दवा का छिड़काव कर रहे 15 साल के दो चचेरे भाइयों के मुंह में जहरीली दवा चली गई, जिससे दोनों बेहोश हो गए। सूचना के बाद परिजन मौके पर पहुंचे तो दोनों बेहोश हालत में खेत में पड़े हुए मिले। दोनों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जिला अस्पताल में दोनों बालकों का उपचार करा रही कमलेश आदिवासी ने बताया कि 15 साल के अरुण आदिवासी पुत्र सियाराम और इन्दुल आदिवासी (15) को टमाटर के खेत में दवा डालने की मजदूरी के लिए ठेकेदार सोमवार को अपने साथ ले गया था। शाम को टमाटर की फसल में दवा के छिड़काव के दौरान अरुण और इन्दुल के मुंह में जहरीली दवा चली गई थी। जिससे दोनों भाई बेहोश हो गए थे। फसल बच्चों की ऊंचाई से अधिक लंबी थी, ठेकेदार करा रहा था मजदूरी कमलेश आदिवासी ने बताया कि टमाटर की फसल दोनों बच्चों के ऊंचाई से अधिक थी। इसके बावजूद उनसे ठेकेदार ने दवा का छिड़काव कराया गया। ऊंचाई पर दवा छिड़कने के दौरान जहरीली दवा मुंह में चली थी, जिससे दोनों भाई बेहोश हो गए थे। इसके बाद ठेकेदार दोनों को मौके पर छोड़कर भाग गया। बाद में किराए की गाडी करके दोनों को जिला अस्पताल में रात आठ बजे भर्ती कराया गया हैं। बता दें कमलेश आदिवासी ने इसकी शिकायत थाने में दर्ज कराने की बात कही है।