राज्य सरकार ने 15 साल बाद 1.50 लाख संविदा कर्मचारियों की बात सुनी। उन्हें नियमित कर्मचारियों जैसी सुविधाएं देने के लिए साल 2023 में संविदा नीति जारी की, पर नीति में डीए के स्थान पर सीपीआई इंडेक्स (उपभोक्ता मूल्य सूचकांक) के प्रावधान ने इन कर्मचारियों की खुशी को ग्रहण लगा दिया। हाल ही में प्रदेश के नियमित कर्मचारियों को दिए गए 4% डीए के बाद संविदा कर्मचारियों को समक्ष आया कि वे ठगे गए हैं। डीए न मिलने से उन्हें प्रत्येक माह वेतन में संवर्गवार 2150 से 6050 रुपए महीने का नुकसान हो रहा है। ये कर्मचारी अब फिर से सीपीआई इंडेक्स हटाकर डीए देने की मांग कर रहे हैं। प्रदेश कं संविदा कर्मचारियों को 25 साल से वेतन के साथ डीए दिया जा रहा था। इस कारण नियमित कर्मचारियों के समान इनके वेतन में भी वृद्धि होती थी, जो इस बार नहीं हुई है। क्योंकि इन कर्मचारियों के लिए सीपीआई इंडेक्स लागू किया है। जिस कारण उनका वेतन कम निर्धारित हुआ है। दरअसल, डीए महंगाई के प्रभाव से राहत के लिए दिया जाता है, जबकि सीपीआई इंडेक्स आम उपभोक्ता खर्चों के आधार पर निर्धारित किया जाता है। जिससे संविदा कर्मचारियों की आमदनी में अंतर आ गया। अधिकारियों की करामात संविदा कर्मचारी कहते हैं कि हमने नियमित कर्मचारियों के समान सुविधाएं मांगी थीं। 4 जुलाई 2023 को पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने संविदा महापंचायत बुलाई और संविदा को नियमित कर्मचारियों के समान वेतन देने सहित 9 घोषणाएं कीं। तब संविदा को 6वां और नियमित कर्मचारियों को 7वां वेतनमान मिल रहा था। 22 जुलाई 2023 को आदेश जारी हुए। जिसमें सामान्य प्रशासन विभाग के अधिकारियों ने ऐसी शर्तें जोड़ दीं कि संविदा को लाभ ही न हो। सीपीआई इंडेक्स इसी का परिणाम है।