ग्वालियर के घाटीगांव जदीदराई गांव में देवताओं के रास्ते की जमीन को लेकर चल रही रंजिश में गोलीबारी हुई है। हमलावरों ने दूसरे पक्ष पर कट्टे व बंदूक से ताबड़तोड़ गोलियां चलाई हैं। गोली दूसरे पक्ष के लोगों को निशाना बनाकर चलाई गई हैं। जिसमें लोगों ने घर में घुसकर अपनी जान बचाई है। यह विवाद कई सालों से चल रहा है।
घटना शनिवार रात को हुई है। इससे पहले ही हमलावरों ने दीपावली की रात इसी परिवार से मारपीट की थी। घायल पक्ष ने हमलावरों पर आरोप लगाया है कि वह डकैत गुड्डा गुर्जर के मददगार हैं। इस मामले में पुलिस ने पीड़ित पक्ष की शिकायत पर चार हमलावरों के खिलाफ हत्या के प्रयास का मामला दर्ज कर लिया है।
घाटीगांव थानाक्षेत्र स्थित जदीदराई गांव निवासी लवकुश पुत्र महेश गुर्जर ने पुलिस को बताया है कि मेरे ताऊ का बेटा राहुल गुर्जर शनिवार रात अपने घर के बाहर खड़ा था। तभी गांव के ही रहने वाले रामनिवास गुर्जर, बिजेन्द्र गुर्जर, उनके साथी सिकंदर गुर्जर, जयसिंह गुर्जर हाथों में कट्टे, बंदूक लेकर आए और बिना कुछ बातचीत किए ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। गोलियां चलते ही हम सभी ने घर के अंदर छुपकर अपनी जान बचाई है। हमलावरों ने 4 से 5 गोलियां सीधे हमारे परिवार के सदस्यों को निशाना बनाकर चलाई हैं। यदि हम लोग छुपते नहीं तो जान जाना तय थी। इसके बाद जब गांव के अन्य लोग एकत्रित हुए तो हमलावर गालियां देते हुए भाग गए। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची, लेकिन हमलावर वहां से भाग चुके थे। पुलिस ने रामनिवास गुर्जर, बिजेन्द्र गुर्जर, सिकंदर गुर्जर व जयसिंह गुर्जर पर हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया है। फिलहाल हमलावर हाथ नहीं आए हैं।
यह है रंजिश
फरियादी के भाई शैलेन्द्र गुर्जर ने बताया है कि हमलावर व उनके परिवार गांव में पास-पास में ही रहते हैं। हमारे देवता का स्थान है उसके पास की जमीन पर इन लोगों ने खेत जोत लिए थे और रास्ता बंद कर दिया। इसको लेकर कुछ साल पहले विवाद हुआ था। उस समय पंचायत बैठी थी तो मामला शांत हो गया था। हमलावर पक्ष से आरोपी बिजेन्द्र गुर्जर का ग्वालियर-चंबल के लिस्टेट डकैत गुड्डा गुर्जर के मददगार होने का आरोप भी शैलेन्द्र ने लगाया है। उनका कहना है कि उस समय पंचायत में मामला शांत हो गया था। पर अभी कुछ दिन पहले फिर हमलावर पक्ष ने देवताओं की जमीन का रास्ता रोक दिया। उस पर हम लोग चुप रहे। इसके बाद दीपावली की रात हमलावरों ने शहर से आए हमारे दो भतीजों के साथ मारपीट की थी, जिसे भी हमने सहन कर लिया, सोचा त्योहार पर बिना वजह का झगड़ा होगा। इसके बाद शनिवार गोवर्धन वाले दिन हमलावरों ने गांव से जमीन पर जाने वाले रास्ते पर ट्रैक्टर आड़ा खड़ा कर रास्ते बंद कर दिए। इस पर भी हम चुप रहे, लेकिन रात को अचानक वह बंदूक व कट्टा लेकर आए और गोलियां चलाकर जान लेने की कोशिश की।
पुलिस का कहना
इस मामले में एएसपी देहात निरंजन शर्मा का कहना है कि रास्ते के विवाद पर कुछ लोगों ने एक पक्ष पर जान लेने के इरादे से गोलियां चलाई थीं। जिसमें हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया गया है। वह डकैत के मददगार हैं या नहीं यह स्पष्ट नहीं है। जांच में जो तथ्य आएंगे एक्शन लिया जाएगा।