सीहोर जिले में दीपावली पर्व को लेकर जहां लोगों में उत्साह वहीं दूसरी तरफ मिट्टी के दिए बनाकर बेचने वाले लोग में मायूसी है, क्योंकि लोगों में डिजाइनर दीयों की डिमांड है। ऐसे में मिट्टी के दीये एक रुपए प्रति नग में मिलने के बावजूद लोग ये 5 रुपए प्रति नग वाले दीये खरीद रहे हैं। बाहर से आ रहा है दीपक बहुत सुंदर होने के कारण वो ग्राहकों की पहली पसंद बने हुए हैं। वहीं दूसरी ओर लोकल तौर पर निर्मित होने वाले दीपक के सस्ते होने के बाद भी बाजार में इनकी डिमांड नहीं हो पा रही है। दीपक बनाने वाले कारीगर कार्तिक प्रजापति ने बताया कि दीये बनाने में लागत बहुत ज्यादा लगती है। लेकिन दिए बहुत कम राशि में बिकते हैं। इस बार एक दीपक एक रुपए में बेचा जा रहा है। उन्होंने बताया कि बाजार में दीपक बेचने के लिए जगह भी आसानी से उपलब्ध नहीं होती है, जबकि बड़ी दुकानों पर बाहर से आए हुए दीपक लोगों को आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं। उनका कहना है कि इस साल मिट्टी प्राप्त करने में और कच्ची सामग्री लेने में काफी मशक्कत का सामना करना पड़ा। परिवहन करके भी कच्चा सामान दीपक बनाने के लिए मंगवाना पड़ा है, लेकिन बाजार में लोकल दीपक को उम्मीद के अनुसार दम नहीं मिल पा रहे हैं।