अवैध कटाई देखने जंगल में पहुंचे कमिश्नर और आईजी:जंगल में घुसते ही दिखे कटे पेड़, एक्शन कमेटी बनाने के निर्देश

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बैतूल में महाराष्ट्र सीमा से लगे जंगलों में अवैध कटाई की लगातार मिल रही शिकायतों को कमिश्नर और आईजी ने गंभीरता से लिया। शनिवार को दोनों खुद शिकायतों की तस्दीक करने जंगलों में पहुंचे। जहां शिकायतें सही पाई गई है। कमिश्नर और आईजी ने कटाई रोकने के लिए सख्ती बरतने और एक एक्शन कमेटी बनाने के निर्देश दिए है। जो बॉर्डर एरिया में अवैध कटाई को रोकने और जंगलों की निगरानी का काम देखेगी। पुलिस के मुताबिक लगातार शिकायत मिल रही थी कि महाराष्ट्र के सागौन माफिया बैतूल के जंगलों में अवैध कटाई कर रहे है। इसी के चलते कटाई का निरीक्षण करने नर्मदापुरम पुलिस महानिरीक्षक इरशाद वली और संभागायुक्त केजी तिवारी भैंसदेही तहसील क्षेत्र के जंगलों में पहुंचे। यह क्षेत्र दक्षिण वन मंडल के सावल मेंढ़ा क्षेत्र में आता है। अधिकारी सांकली गांव पहुंचे और वहां से निरीक्षण करने निकले तो गांव की सीमा पर बने फॉरेस्ट के तालाब के पास ही अधिकारियों को अवैध काटे गए पेड़ो के ठूंठ मिल गए। गांव के पास ही जंगल के शुरू होते ही कटाई देख अधिकारी नाराज हुए। निरीक्षण के दौरान सीसीएफ बसु कनौजिया भी मौजूद थी। जबकि कलेक्टर नरेंद्र सूर्यवंशी, एसपी निश्चल एन झारिया, जिला पंचायत सीईओ अक्षत जैन भी मौजूद रहे। एक्शन कमेटी बनाने का निर्देश एसपी निश्चल एन झारिया ने बताया कि महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव होने वाले है। ऐसे में महाराष्ट्र के सीमावर्ती जिलों के साथ बॉर्डर मीटिंग हुई थी। इस बीच शिकायत संज्ञान में आई थी कि बॉर्डर क्षेत्र में कुछ लोग अवैध कटाई कर रहे है। माफिया अन्य क्राइम में भी जुड़े है। जब वरिष्ठ अधिकारियों के संज्ञान में आया तो उस क्षेत्र में दौरा रखा था। वहां कटाई से संबंधित साक्ष्य भी मिले है। वरिष्ठ अधिकारियों ने अलग-अलग विभागों को निर्देश दिए है। एक एक्शन कमेटी बनाने के भी निर्देश दिए गए है। पुलिस पीआरओ के मुताबिक अवैध कटाई को रोकने के लिए पुलिस, प्रशासन और वन विभाग की एक संयुक्त टास्क फोर्स का गठन भी किया गया है। इसमें सभी की जिम्मेदारी भी निर्धारित की गई है पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों के अचानक जंगल में उतरने से वन विभाग के अधिकारी असहज महसूस कर रहे है। मौके पर अवैध कटाई मिलने से वन विभाग के निगरानी पर भी सवाल खड़े हो गए है। हालांकि, सीसीएफ वासु कनौजिया ने दैनिक भास्कर को बताया कि कल मिली अवैध कटाई पर दोनों विभाग संयुक्त रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं। राजस्व वाले क्षेत्रों की राजस्व और वन क्षेत्र की फॉरेस्ट अधिकारी रिपोर्ट बना रहे है। उसके बाद ही बोल पाएंगे कि किसके क्षेत्र में कटाई हुई है। यह क्षेत्र थोड़ा वन का है और थोड़ा राजस्व का। शिकायत को नजर अंदाज करना बना मुसीबत जानकारी के मुताबिक इस मामले की शिकायत सबसे पहले एक ग्रामीण ने 18 जून को की थी। रजिस्टर्ड डाक से पीसीसीएफ को अवैध कटाई की शिकायत की थी। जिसमें सावल मेंढ़ा रेंज के कई कंपार्टमेंट में अवैध कटाई का ब्यौरा दिया गया था। वन विभाग ने इसकी जांच भी कराई थी, लेकिन शिकायतकर्ता इससे संतुष्ट नहीं थे। बताया जा रहा है कि एक महीने पहले बैतूल आए पीसीसीएफ असीम श्रीवास्तव को भी दोबारा यह शिकायत की गई थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होने से यह मामला कमिश्नर तक पहुंच गया।