बे-मौसम हुई बारिश के बाद अब किसान सोयाबीन की कटाई कर रहे हैं। अब सरकार समर्थन मूल्य पर सोयाबीन की खरीदी करेगी, लेकिन इसमें भी मापदंड और नियम कम नहीं है। सबसे बड़ी परेशानी सोयाबीन में नमी को लेकर है। 12 प्रतिशत से अधिक नमी होने पर सोयाबीन रिजेक्ट हो जाएगा। नमी कम होने पर ही समर्थन मूल्य पर सोयाबीन की खरीदी हो पाएगी। इसके अलावा पांच तरह के पैरामीटर है, जिनके हिसाब से सोयाबीन को परखा जाएगा। इसके बाद सोयाबीन की खरीदी सोसाइटी द्वारा समर्थन मूल्य पर किया जाएगा। समर्थन मूल्य पर खरीदी को लेकर सर्वेयर की तैनाती सीधे केंद्र सरकार द्वारा की जा रही हैं। इसके लिए पिछले दिनों जिला सहकारी केंद्रीय बैंक में सर्वेयरों और खरीदी एजेंसी को प्रशिक्षण भी दिया है। इसमें केंद्र स्तर से आए प्रशिक्षकों ने खरीदी के दौरान रखी जाने वाली सावधानियों काे बताया। अधिक नमी होने के बावजूद सोयाबीन की खरीदी हो जाती है तो यह सीधे तौर पर सरकारी को वित्तीय हानि पहुंचाने की स्थिति के रूप में देखी जाएगी। ऐसे में खरीदी के दौरान नमी को लेकर काफी जांच देखने को मिल सकती है। 10 केंद्रों होगी खरीदी गेंहू की तरह किसानों ने पंजीयन नही करवाया, क्योंकि किसानों को सरकारी खरीदी में ज्यादा भरोसा नहीं है। वहीं इस बार किसानों पर पड़ी आर्थिक मार की स्थिति में किसानों को संबल देने के लिए सरकार ने मदद के हाथ आगे बढ़ाए हैं। समर्थन मूल्य पर 25 अक्टूबर से सोयाबीन की खरीदी सरकारी स्तर पर की जाना है। इसके लिए तैयारियों का दौर जारी है। जिसके लिए जिले में 10 केंद्रों पर खरीदी होगी। वहीं अब तक 7 हजार 129 किसानों ने पंजीयन करवाया है। जिन किसानों का पंजीयन हो चुका है, वे स्लॉट बुकिंग करवा सकते है। इसके बाद उन्हें खरीदी केंद्र पर सोयाबीन बेचने के लिए बुलवाया जाएगा। वहीं धार, सरदारपुर, बदनावर और नालछा क्षेत्र में ही सोयाबीन का सबसे ज्यादा उत्पादन होता है। इसलिए सबसे ज्यादा खरीदी भी इन्हीं क्षेत्रों में होना है। इस हिसाब से भंडारण और खरीदी केंद्रों की व्यवस्था की जा रही है। बारिश से खराब हुई फसल किसानों को इस बार बारिश के साथ फसलों में बीमारियों ने परेशान किया। शुरूआती दौर तक सोयाबीन अच्छी स्थिति में थी। जिन किसानों ने पहले फसल निकाली, वे फायदे में भी रहे। लेकिन पकने के वक्त पर ही मौसम खराब हो गया और लगातार बारिश होती रही। इस कारण सोयाबीन दागी हुई। साथ ही कमजोर दाने की भी स्थिति देखने को मिली। ऐसे में अब यदि खरीदी केंद्रों पर सोयाबीन रिजेक्ट होती है तो किसानों को लाने ले जाने का खर्च बढे़गा। वहीं लगातार बारिश से आने वाली फसलों पर प्रभाव पड़ रहा है। इनका कहना हैं खरीदी को लेकर तैयारी हो गई है। किसान स्लॉट बुकिंग करवा के ही आए, खरीदी को लेकर एफएक्यू का पालन किया जाएगा। वहीं किसानों से अपील हैं कि अपनी सोयाबीन की फसल को ग्रेडिंग में साफ कर लाए। जीएस मोहनिया, डीडीए धार