सीहोर जिला कोर्ट का फैसला:विधानसभा चुनाव के दौरान आचार संहिता उल्लंघन, आप कार्यकर्ताओं पर लगाया 12 हजार रुपए का जुर्माना

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सीहोर जिला न्यायालय ने मंगलवार काे आज आम आदमी पार्टी के 12 पदाधिकारियों पर एक-एक हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। विधानसभा चुनाव के दौरान आप के पदाधिकारी vkSj कार्यकर्ताओं पर भाजपा ने आदर्श चुनावी आचार संहिता का उल्लंघन करने का आरोप लगाया था। कोर्ट के फैसले के बाद आम आदमी पार्टी के पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं ने जिला अध्यक्ष इंजीनियर कृष्णपाल सिंह बघेल के नेतृत्व में उक्त जुर्माना राशि भी कोर्ट में जमा कर दी है। जानकारी के अनुसार आम आदमी पार्टी के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने 10 अक्टूबर 2023 को विभिन्न मुद्दों और आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह की गिरफ्तारी के विरोध में तहसील चौराहा से कलेक्टर ऑफिस तक विरोध रैली निकाली थी। विरोध रैली के रूप में नारेबाजी करते हुए उत्साही आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता कलेक्ट्रेट तक पहुंच गए थे। आप पदाधिकारी कार्यकर्ताओं के द्वारा विरोध प्रदर्शन रैली की पूर्व अनुमति भी ली गई थी। लेकिन, तब आचार संहिता लागू नहीं हुई थी। जबकि आम आदमी पार्टी का प्रदर्शन निश्चित हो गया था इसके बाद आप के पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं ने ज्ञापन दिया था। इन पर हुई थी धारा 188 के तहत कार्रवाई कोतवाली पुलिस ने इस मामले में वर्तमान आम आदमी पार्टी के सीहोर जिला अध्यक्ष इंजीनियर कृष्णपाल सिंह बघेल, तत्कालीन जिला अध्यक्ष दिनेश नागर, जिला अध्यक्ष लोस संयुक्त सचिव डॉ. दिलीप सिंह दांगी, जिला मीडिया प्रभारी महान कौशल, जिला उपाध्यक्ष चांद सिंह मेवाडा, जिला उपाध्यक्ष नरेश वर्मा, जिला उपाध्यक्ष राजीव खरे, जिला पदाधिकारी साजिद, महबूब, फूल सिंह बरैया, अजब सिंह मेवाडा, जिला पदाधिकारी अर्जुन सिंह ठाकुर पर धारा 188 के तहत कार्रवाई कर एफआईआर दर्ज की गई थी। आप का आरोप-भाजपा नेताओं पर कोई कार्रवाई नहीं मामले में आम आदमी पार्टी के जिला अध्यक्ष इंजीनियर कृष्णपाल सिंह बघेल ने कहां कि सत्ताधारी पार्टी बीजेपी के दबाव में आकर उस समय आम आदमी पार्टी के पदाधिकारियों पर मामला दर्ज किया गया था। लेकिन, आम आदमी पार्टी आम जनता के लिए निरंतर संघर्ष करती रहेगी। हम संविधान को मानते हैं और आगे भी मानते रहेंगे। संविधान का उल्लंघन करने वालों को आइना भी दिखाएंगे। बघेल ने आरोप लगाया कि वर्तमान में बुधनी विधानसभा चुनाव को लेकर आदर्श आचार संहिता संपूर्ण जिले में लागू हो चुकी है। इसके बावजूद सत्ताधारी दल के नेताओं के बैनर पोस्टर जहां-तहां दिखाई दे रहे हैं। सरकारी योजनाओं का प्रचार भी किया जा रहा है, इस पर कोई भी कार्रवाई नहीं की जा रही है।