हिम्मत-ए-मर्दां, मदद् दे खुदा। जिंदगी कितनी भी बेरहम क्यूं न हो, जीना तो पड़ता है। बात सिर्फ़ इतनी सी ही नहीं है कि श्रीमती सुशीला देवी वर्मा, अबला से सबला बन गईं। तारीफ उस संघर्ष की है, जिनसे जूझकर – 22/10/2024
हिम्मत-ए-मर्दां, मदद् दे खुदा। जिंदगी कितनी भी बेरहम क्यूं न हो, जीना तो पड़ता है। बात सिर्फ़ इतनी सी ही नहीं है कि श्रीमती सुशीला देवी वर्मा, अबला से सबला बन गईं। तारीफ उस संघर्ष की है, जिनसे जूझकर – 22/10/2024