हरदा जिले में गेहूं और चने की बुआई का समय नजदीक आने पर किसान डीएपी को लेकर परेशान हो रहे है। किसानों को बोवनी के समय डीएपी खाए की जरूरत है। किसानों को सोमवार को डीएपी के रैक आने की सूचना मिली, जिसके बाद रविवार सुबह से ही किसान डीएमओ गोदाम पर लाइन लगाकर खड़े हुए है। रविवार रात से जिले के करीब डेढ़ सौ से अधिक किसान डीएपी मिलने की उम्मीद को लेकर कृषि उपज मंडी के पास बने डीएमओ गोदाम के सामने दरी लगाकर सो रहे है। किसानों ने खुद रजिस्टर में सूची बनाकर कर खाद लेने की व्यवस्था की है। किसानों का कहना है कि अधिकारियों को सूचना देने के बाद भी यहां कोई जिम्मेदार नहीं पहुंचा। प्रशासन ने नहीं की टोकन की व्यवस्था क्षेत्र के किसान खाना-पीना छोड़कर खाद वितरण केंद्र के बाहर रात गुजार रहे हैं। किसानों ने बताया कि जिला प्रशासन ने किसानों के लिए ना तो टोकन व्यवस्था की और ना ही बैठने की। प्रशासन के व्यवस्था नहीं करने पर किसानाें को यहां खाद मिलने की उम्मीद कम नजर आ रही है। जिले को 15 हजार मीट्रिक टन की जरूरत, मिली 8860 मीट्रिक टन वहीं मामले में कृषि विभाग के उप संचालक संजय यादव ने बताया कि जिले में रबी सीजन के लिए डीएपी खाद की मांग 15 हजार मीट्रिक टन की थी। लेकिन, अभी तक 9842 मीट्रिक टन खाद उपलब्ध हो पाया है। जिसमें 8860 मीट्रिक टन की बिक्री हो चुकी है। वहीं यूरिया की डिमांड पूरे सीजन के लिए 30,500 मिट्रिक टन की थी। जिसमें से 23304 मिट्रिक टन यूरिया आ चुका है। जिसमें से खाद वितरण केंद्रों सहित सोसाइटी के माध्यम से 16975 मीट्रिक टन का विक्रय किया जा चुका है।