विदिशा में एक गर्भवती महिला की गोंडवाना एक्सप्रेस में डिलीवरी हुई। महिला सुमन चौहान अपने पति राजकुमार चौहान और दो बेटियों के साथ छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जा रही थी। बीना रेलवे स्टेशन के बाद उन्हें प्रसव पीड़ा हुई, जिसके बाद ट्रेन में मौजूद यात्रियों और रेलवे स्टाफ ने उनकी मदद की। कई बार कॉल करने के बाद भी एंबलेंस नहीं पहुंची। सुमन को ऑटो में अस्पताल ले जाना पड़ा। जब ट्रेन विदिशा रेलवे स्टेशन पर पहुंची, तो सुमन को उतारने के बाद एंबुलेंस की व्यवस्था करने के लिए रेलवे कर्मचारियों ने स्टेशन मास्टर को सूचित किया। हालांकि एक घंटे तक एंबुलेंस का इंतजार करने के बावजूद कोई सहायता नहीं मिली। मजबूरन राजकुमार को अपनी पत्नी और नवजात बच्चे को ऑटो में बैठाकर जिला अस्पताल ले जाना पड़ा, जहां दोनों स्वस्थ हैं। ‘हमें उम्मीद थी कि एंबुलेंस जल्द आएगी’
राजकुमार ने बताया, “हमें उम्मीद थी कि एंबुलेंस जल्द आएगी, लेकिन इंतजार करने के बाद हमें ऑटो लेना पड़ा।” उन्होंने ये भी कहा कि डॉक्टर ने उन्हें 26 और 29 तारीख को डिलीवरी की तारीख दी थी, लेकिन ट्रेन में ही उनकी पत्नी की डिलीवरी हो गई। छत्तीसगढ़ का रहने वाला है परिवार
राजकुमार ने बताया कि वो मूल रूप से छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा के रहने वाले हैं और दिल्ली में काम करते हैं। उनकी एक पांच साल और ढाई साल की बेटियां हैं। इस बार उन्हें बेटे का जन्म हुआ है। कांग्रेस प्रवक्ता ने साधा निशाना
इस मामले में कांग्रेस प्रवक्ता अरुण अवस्थी ने कहा, “ये गंभीर लापरवाही है। ऐसी स्थिति में अगर जच्चा या बच्चा को कुछ होता, तो जिम्मेदार कौन होता?” उन्होंने कहा कि पहले भी स्टेशन पर हार्ट अटैक के मरीजों को समय पर एंबुलेंस न मिलने के कारण उनकी जान चली गई है। इस मामले में उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों से शिकायत की है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) ने इस मामले पर टिप्पणी करते हुए कहा कि एंबुलेंस स्टेशन पर पहुंची थी, लेकिन तब तक मरीज ऑटो से अस्पताल जा चुके थे।