पंधाना बस स्टैंड स्थित शराब दुकान को लेकर हाईकोर्ट ने एक याचिका पर मप्र शासन, कलेक्टर और आबकारी अधिकारी को तलब किया है। कोर्ट ने कहा कि इस मामले में 3 हफ्ते के भीतर निर्णय लिया जाए। इस निर्णय को लेकर पहले याचिकाकर्ता को संतुष्ट किया जाए। अन्यथा कोर्ट खुद संज्ञान लेगा। बता दें कि सर्व आदिवासी समाज विकास सुधार समिति ने जबलपुर हाई कोर्ट में रिट याचिका लगाई है। याचिकाकर्ताओं ने अपील की है कि जिम्मेदार अधिकारियों को निर्देशित किया जाए कि बस स्टैंड पर शराब दुकान नियम अनुसार सही नहीं है। उसे हटाया जाए। इस पर कोर्ट ने 14 अक्टूबर को कलेक्टर, आबकारी अधिकारी, सचिव व प्रमुख सचिव को याचिकाकर्ता की शिकायत को दूर करने का आदेश दिया। याचिकाकर्ता संतुष्ट नहीं हुए तो कोर्ट मामले में संज्ञान लेगा
कोर्ट ने कहा- यदि याचिकाकर्ता संतुष्ट नहीं हुए तो कोर्ट मामले में संज्ञान लेगा। समिति सदस्य लक्ष्मण केल्दे व चुत्रीलाल नेभनानी निवासी पंधाना ने बताया कि उनकी समिति ही नहीं बल्कि क्षेत्र की मातृ शक्तियां, भारतीय किसान संघ, पार्षद, जनप्रतिनिधियों का मंडल व स्कूल संचालक दुकान हटाने की मांग लंबे समय से करते आए हैं। कई बार कलेक्टर व आबकारी अधिकारी को आवेदन दिए, लेकिन दुकान नहीं हटी। अफसरों की शह पर गांव-गांव में बिक रही शराब
लोगों का कहना है कि खंडवा के गांवों में खुलेआम किराना दुकान से लेकर होटल, ढाबों पर शराब बेची जाती है। पुलिस और आबकारी विभाग की शह होने से शराब ठेकेदार नियमों की अवहेलना कर रहे हैं। शराब दुकान खुलने का समय सुबह 8 बजे का है। सुबह 5 बजे ही दुकानें खुल जाती हैं। दुकानें रात 11 बजे की बजाय 2 बजे तक खुली रहती हैं।