प्राथमिक व माध्यमिक स्कूलों में 26 लाख पुस्तकों की डिमांड:पाठ्यक्रम की 3 लाख किताबें पहुंची ही नहीं; राज्य शिक्षा केंद्र भोपाल भेजा पत्र

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धार जिले के 13 विकासखंड वाले आदिवासी बाहुल्य प्रदेश के सबसे बड़े जिले धार में शैक्षणिक गुणवत्ता काफी कमजोर है। शिक्षकों पर वार्षिक परीक्षा परिणाम और गुणवत्ता सुधार का लगातार दबाव है, लेकिन शिक्षक बेहतर रिजल्ट लाए कैसे, विद्यार्थियों के पास कक्षा पाठ्यक्रम की पूरी पुस्तकें ही नहीं है। जिले में कक्षा पहली से आठवीं तक के करीब 2 लाख विद्यार्थियों को 3 लाख करीब पुस्तकें नहीं मिल पाई है। औसत रूप से प्रति विद्यार्थी 1-2 पुस्तकें नहीं होने की स्थिति बन रही है। जिले में करीब 26 लाख 83 हजार 478 पुस्तकों की डिमांड राज्य शिक्षा केन्द्र भोपाल भेजी गई थी। आधा शैक्षणिक सत्र बीतने आया है। टीबीसी से 23 लाख 89 हजार पुस्तकें ही मिल पाई है। ऐसे में सवाल उठने लगे है कि अधूरे पाठ्यक्रम से विद्यार्थी कैसे पढ़ाई करेंगे और शिक्षक कैसे उन्हें पढ़ाकर बेहतर परिणाम ला पाएंगे। 16 लाख पुस्तकें ही बंटी पाठ्यक्रम पुस्तकों की जानकारी में चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। जहां भोपाल से ब्लॉकों में करीब 23 लाख 89 हजार पुस्तकें भेजी गई हैं। वहीं, स्कूलों में 16 लाख करीब पुस्तकें ही बंट पाई हैं। इस आंकड़े को जिले के अधिकारी खारिज कर रहे हैं। 3 लाख पुस्तकें कम आने की बात स्वीकार की जा रही है, लेकिन 23 में से 16 लाख पुस्तकें वितरित होने को लेकर अधिकारी पोर्टल पर तकनीकी दिक्कतों से पूर्ण एंट्री दर्ज नहीं होने की दलील दे रहे हैं। 60-70 प्रतिशत किताबों का हुआ वितरण बता दें कि दर्ज नामांकन के आधार पर पुस्तकों की डिमांड भेजी जाती है। सबसे मुख्य बात यह है कि धार ब्लॉक में सर्वाधिक पुस्तकों का वितरण हुआ है। इसके बावजूद बीआरसी कार्यालय द्वारा शेष पुस्तकों की मांग को लेकर रिमाइंडर पत्र जिला कार्यालय को दिए गए है। अन्य ब्लॉकों में 60-70 प्रतिशत किताबों का वितरण हुआ है, लेकिन शेष पुस्तकों को लेकर उनकी और से कोई मांग पत्र नहीं दिया गया है। शिक्षक ही नहीं वार्षिक परीक्षा परिणाम और शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार ना होने के कई उदाहरणों में एक उदाहरण सीएम राइज स्कूल का है। कक्षा 10वीं और 12वीं के वार्षिक परिणामों में इसी विद्यालय ने पूरे जिले में बेहतर परिणाम दिए है, किंतु प्राथमिक शालाओं में अंग्रेजी माध्यम को हिन्दी दर्ज करने के लिए आवेदन सौंपा है। दरअसल अंग्रेजी माध्यम कर दिया गया है, लेकिन विभाग ने अंग्रेजी विषय के शिक्षक ही उपलब्ध नहीं करवाए है। ऐसे में माध्यम बदलने के लिए मांग पत्र सौंपा है। इधर, शासन नें सीएम राइज स्कूल में अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाने को कहा गया है। पत्र भेजकर की है मांग डीपीसी प्रदीप कुमार खरे ने बताया कि मुझे धार डीपीसी पद को संभाले अभी एक माह भी नहीं हुआ है। मेरे संज्ञान में आज ही यह जानकारी आई है। पुस्तकों की मांग को लेकर तुरंत भोपाल कार्यालय पत्र मेल कर दिया गया है। जल्द ही विद्यार्थियों को शेष पुस्तकें उपलब्ध करवा दी जाएगी।