​​​​​​​मऊगंज का अष्टभुजा धाम:500 वर्ष पूर्व ज्वाला रूप में प्रकट हुई माता, मन्नत पूरी होने पर श्रद्धालु चढ़ाते हैं जिंदा बकरा

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नवरात्र के पावन पर्व पर मऊगंज जिले के ऐतिहासिक अष्टभुजा धाम नईगढ़ी में सुबह से देर रात तक श्रद्धालुओं की लंबी कतारें देखी जा रही हैं। करीब 500 वर्ष पूर्व ज्वाला रूप में प्रकट हुई माता अष्टभुजी के दरबार में दूसरे राज्यों से भी हजारों की संख्या में भक्त माथा टेकने आते हैं। वैसे तो अष्टभुजा धाम में 12 महीने श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है, लेकिन नवरात्र में संख्या बढ़ जाती है। खास तौर से पंचमी से नवमी तक भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ता है। आषाढ़ माह में हरियाली पुजाई एवं नवरात्र के पावन पर्व पर यहां विशेष आयोजन होते हैं। श्रद्धालु मन्नत के अनुसार जवारे एवं जमीन पर लेटकर माता रानी के दरबार की परिक्रमा करते हैं। यह प्रदेश का एक ऐसा देवस्थान है, जहां जिंदा बकरा चढ़ाए जाते हैं। आज भी मन्नतें पूरी होने के बाद कई भक्त जीभ तक चढ़ाते हैं। नवरात्र में लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं। महा-अष्टमी एवं नवमी पर यहां 50 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने दर्शन किए।