श्री वैष्णवधाम गरबा महोत्सव में इंदौर को ट्रैफिक में भी नंबर 1 बनाने की अपील की गई। दर्शकों को ट्रैफिक नियमों का पालन करने की शपथ भी दिलवाई गई। इतना ही नहीं प्रतिभागियों ने प्रतीक स्वरूप हेलमेट पहन कर गरबा भी किया। रचना विकास गुप्ता ने बताया कि, हम सब पारंपरिक गरबे के माध्यम से माता रानी की स्तुति कर रहे हैं। यहां 250 महिलाओं द्वारा गरबा किया जा रहा है। रोजाना प्रतिभागियों को पुरस्कृत भी किया जाता है। प्रतिभागियों ने हेलमेट पहनकर ट्रैफिक पालन के संदेश की तख्तियां हाथों में लेकर गरबा किया। शुक्रवार को गरबा के अंतिम दिन सबसे अच्छे प्रतिभागी को एक डायमंड रिंग मिलेगी। गरबा गुरु रेखा जनक गांधी के मुताबिक, प्रशिक्षित सभी प्रतिभागी ताल लय और नए नए स्टेप्स के साथ गरबा करते हैं और एक से बढ़ कर एक गरबे की वेशभूषा में सज संवर कर आते हैं। श्री वैष्णवधाम गरबा महोत्सव में गुजराती और पारम्परिक गीतों पर अनुशासन से गरबा होता है। अर्चना डांस अकादमी के वर्ल्ड रिकॉर्ड होल्डर बच्चों के द्वारा शिव तांडव की क्लासिकल प्रस्तुति भी दी गई। ट्रैफिक के नियमों के पालन की दिलाई शपथ – हेलमेट पहनना: मैं हमेशा अपनी सुरक्षा के लिए हेलमेट पहनूंगा/पहनूंगी। मैं समझता/समझती हूं कि हेलमेट मेरे जीवन की रक्षा करता है और गंभीर चोटों से बचाता है। – यातायात नियमों का पालन: मैं सभी यातायात नियमों और संकेतों का पालन करूंगा/करूंगी। मैं दूसरों के अधिकारों का सम्मान करूंगा/करूंगी और सड़क पर एक अनुशासित नागरिक की तरह व्यवहार करूंगा/करूंगी। – सुरक्षित गति: मैं हमेशा सुरक्षित गति बनाए रखूंगा/रखूंगी। मैं सड़क की स्थिति, मौसम और यातायात की घनत्व के अनुसार अपनी गति को समायोजित करूंगा/करूंगी। – अल्कोहल और ड्रग्स से बचाव: मैं कभी भी शराब या किसी प्रकार के नशे के प्रभाव में सवारी नहीं करूंगा/करूंगी। मैं जानता/जानती हूं कि इससे मेरे निर्णय और प्रतिक्रिया क्षमता प्रभावित होती है। – संकेत और संचार: मैं हमेशा संकेतों और हाथ के इशारों का सही उपयोग करूंगा/करूंगी, ताकि अन्य वाहन चालक और पैदल यात्री मेरी मंशा को समझ सकें। इस शपथ के द्वारा, मैं अपने और दूसरों के लिए सुरक्षित और सुखद सवारी के लिए प्रतिबद्धता व्यक्त करता/करती हूं। मैं समझता/समझती हूं कि यह केवल मेरी जिम्मेदारी नहीं, बल्कि समाज की भी जिम्मेदारी है।