धार में हर साल की तरह इस बार भी समर्थ अवधूत नित्यानंद बाबजी का समाधि दिवस परंपरानुसार मनाया जाएगा। दशहरा के दिन नित्यानंद बाबजी ने ब्रह्म मुहूर्त में शरीर त्याग कर समाधि ली थी, तब से ये दिन धार नगरवासियों और गुरु भक्तों के लिए खास हो गया है। सुबह 4 बजे होगा रुद्राभिषेक
समाधि उत्सव की शुरुआत सुबह 4 बजे रुद्राभिषेक से होगी। इसके बाद गुरु भक्त उनकी समाधि पर वस्त्र और पुष्प अर्पित करेंगे। इसी कड़ी में बाबजी की कुटिया में पादुका पूजन किया जाएगा। कार्यक्रम में सुबह 9 बजे नियमित आरती और यज्ञ की पूर्णाहुति के बाद महाप्रसादी का आयोजन होगा। इस अवसर पर स्थानीय भक्तों के अलावा राजस्थान, गुजरात और अन्य राज्यों के साथ-साथ विदेशों से भी भक्त यहां अपनी श्रद्धा अर्पित करने आते हैं। बाबजी के समय में भी बहुत से राजा-महाराजा उनके दर्शन के लिए आया करते थे और आश्रम में सेवा कार्य करते थे। कौन थे नित्यानंद बाबजी
नित्यानंद बाबजी अवधूत परंपरा के एक महान संत थे। उन्होंने भारत भर में यात्रा करने के बाद धार में आश्रम स्थापित किया। अपने जीवन के अंतिम कुछ साल उन्होंने धार आश्रम में बिताए। लोगों का कहना है कि उनके समय की दिव्यता आज भी आश्रम में महसूस की जा सकती है। बाबजी ने अपने जीवन में कई भक्तों के दुख दूर किए और उनका कल्याण किया। आज भी लोग उनकी तपोभूमि पर आते हैं और उनसे प्रेरणा लेते हैं। यही वजह है कि बाबजी के समाधिस्थ होने के बाद भी उनके भक्त नियमित रूप से आश्रम में दर्शन के लिए आते हैं।