श्योपुर| साप्ताहिक संविधान पाठशाला के तहत रविवार को ऑनलाइन पाठशाला में स्वतंत्रता के संवैधानिक मूल्य पर हुई चर्चा हुई। कार्यक्रम में प्रमुख वक्ता के रूप में भोपाल की समाजसेवी अंजना त्रिवेदी रही। कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए महात्मा गांधी सेवा आश्रम के प्रबंधक जयसिंह जादौन ने कहा कि आम नागरिकों की स्वतंत्रता से लोकतंत्र और न्याय का गहरा रिश्ता है, अगर स्वतंत्रता नहीं होगी तो क्या व्यक्ति बिना डरे विचार प्रस्तुत कर सकता है क्या, निर्भयता से मतदान कर सकता है, असहमति व्यक्त कर सकता है। स्वतंत्रता का अर्थ स्पष्ट है कि राष्ट्र समाज समुदाय संगठन और परिवार के भीतर मौजूद विचारों, सोच और विश्वास की विविधता को स्वीकार करना। पाठशाला में मुख्य वक्ता त्रिवेदी ने कहा कि आदि मानव कल से ही हमारे मूल्य थे, जो हमें प्रकृति ने दिए थे। स्वतंत्रता को लेकर संविधान सभा में करीब एक वर्ष तक बहस और चर्चा चली है। संविधान की प्रस्तावना में स्वतंत्रता को रखते हुए विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना की स्वतंत्रता को रखा। इंग्लिश की प्रस्तावना में स्वतंत्रता के स्थान पर फ्रीडम का उपयोग ना करते हुए लिबर्टी का उपयोग किया है।