बालाघाट जिले में नाबालिग के साथ दुष्कर्म करने और साक्ष्य छिपाने की मंशा से जबरन गर्भपात कराने के डेढ़ साल पहले दर्ज मामले में फरार चल रहे 07 आरोपियों को किरनापुर पुलिस ने गिरफ्तार किया है। जिसमें गांव के डॉक्टर को छोड़कर सभी आरोपियों में पिता, बड़ी मां, भाई, मामा और अन्य लोग शामिल हैं। 30 जनवरी 2023 को पीड़िता नाबालिग की मां ने रायपुर थाने में रिपोर्ट की थी। जिसमें कहा था कि रायपुर से बेटियां, भानेगांव के सेवती, बड़ी मां के गृह प्रवेश कार्यक्रम में शामिल होने गई थीं। जब वह वापस होने गोंदिया स्टेशन पहुंची तो ट्रेन छूट गई थी। आधी रात में आरोपी पंकज ने जान से मारने की धमकी देकर नाबालिग बेटी से रेप किया।डर के कारण बेटी ने कुछ नहीं बताया। हालांकि, करीब 05 महीने बाद पीड़िता के गर्भवती होने का पता चलने पर पिता, बड़ी मां और आरोपी पंकज तथा परिवार के अन्य लोगों ने महाराष्ट्र के घाटटेमनी में गांव के डॉक्टर से गर्भपात कराया। जिससे पीड़िता मानसिक रूप से कमजोर हो गई और पिता ने भी किसी को कुछ बताने से मना किया था। जिसके बाद पीड़िता ने इसकी जानकारी दी। जिसमें रायपुर डीडी नगर थाना से मिली डायरी पर किरनापुर पुलिस ने मुख्य आरोपी रिश्ते में भाई पंकज पिता कुंदन बारेकर और नाबालिग का गर्भपात कराने में सहयोग करने वाले गांव डॉक्टर आमगांव थाना अंतर्गत घाटटेमनी निवासी 50 वर्षीय अजय पिता बुधराम श्याम कुंवर सहित उसके पिता और परिवार के अन्य रिश्तेदारों के खिलाफ पुलिस दर्जकर जांच मे लिया था। जो सभी घटना के बाद से फरार थे। वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन मे थाना किरनापुर प्रभारी उपनिरीक्षक छत्रपाल सिंह बैस और उनकी टीम ने अनुसंधान के दौरान मामला में पीड़िता से रेप करने वाले मुख्य आरोपी पंकज बारेकर और अपराध छिपाने और गर्भपात में सहयोग करने वाले 02 महिला सहित कुल 07 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। जिन्हें न्यायालय में पेश किया गया। जहां से सभी आरोपियों को न्यायिक अभिरक्षा जेल भेजवा दिया गया। मामले के करीब डेढ़ साल बाद रेप और गर्भपात मामले के आरोपियों को गिरफ्तार करने में थाना प्रभारी किरनापुर उपनिरीक्षक छत्रपाल सिंह बैस, उपनिरीक्षक प्रीति सिंगोतिया, आर विवेक तिवारी, शिवम सिंह, म.आर. गोमती टेकाम और आर विष्णु ठाकुर की भूमिका रही।