बड़वानी जिले में 108 वाहन ऑपरेटरों के मरीजों की बोली लगाए जाने का मामला सामने आया हैं। शिकायतकर्ताओं ने सीएम हेल्पलाइन के अलावा बड़वानी की मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी से भी मामले की शिकायत की है। उन्होंने तत्काल एक्शन लेते हुए नोटिस देने के साथ जांच के लिए भी कहा है। सीएम हेल्पलाइन पर भी इस मामले की शिकायत हुई है। उन्होंने बताया है कि सड़क पर घायल पड़े व्यक्ति को 108 वाहनों के ऑपरेटर कमीशन लेकर निजी अस्पतालों में भेज रहे हैं। कमीशन ले रहे हैं 108 वाहन ऑपरेटर्स शिकायतकर्ता महेंद्र कुशवाहा ने सीएम हेल्पलाइन पर की अपनी शिकायत में बताया है कि 108 वाहनों से मरीजों को कमीशन लेकर जिला चिकित्सालय के स्थान पर प्राइवेट अस्पतालों में छोड़ा जा रहा है। जिससे मरीज और शासन को आर्थिक रूप से नुकसान हो रहा है। 108 वाहनों में उपस्थित लोग एक्सीडेंटल मरीज को रास्ते से उठाने के बाद प्राइवेट अस्पतालों में फोन लगाते हैं। जो अस्पताल उसे कमीशन के बतौर ज्यादा राशि देने के लिए राजी हो जाता है, मरीजों को वहां छोड़ दिया जाता है। 4 हजार से 5 हजार तक की बोली लगा रहे वाहन ऑपरेटर्स इन घटनाओं की पुष्टि करते हुए बड़वानी के मनोरमा हॉस्पिटल के डायरेक्टर सुनील शर्मा ने बताया कि इस पर तत्काल रोक लगाना आवश्यक है। उन्होंने बताया कि हमारा स्टाफ लगातार बता रहा है कि 108 वाहन वालों ने 4 हजार से 5 हजार रेट कर दिया है। 108 का ड्राइवर जैसे ही मरीज-घायल को सड़क से उठाते हैं। वह प्राइवेट अस्पतालों के ओनर से संपर्क करना शुरू कर देता है। यह राशि 4 हजार रुपए से शुरू होकर मरीज के कुल बिल के 10 से 20% तक चले जाती है। बाकायदा अस्पताल संचालक को यह बताया जाता है कि मरीज की एक टांग टूटी है या दो, या उसे कहां-कहां इंजरी हुई है। इंजरी के हिसाब से पैसा तय होता है। एक तरह से मरीज की बोली लगाई जाती है। डॉक्टर बोले- इससे आयुष्मान योजना हो रही प्रभावित मनोरमा हॉस्पिटल के डायरेक्टर सुनील शर्मा ने बताया कि उनका खुद एक बड़ा अस्पताल है, लेकिन इन घटनाओं से आयुष्मान योजना प्रभावित होती है। उन्होंने कहा कि जो मरीज सरकारी अस्पताल में निशुल्क या मामूली राशि में ठीक हो सकता है, उसे निजी अस्पतालों में भेज कर आयुष्मान के माध्यम से सरकार का बड़ा नुकसान किया जा रहा है। सीएमएचओ ने जारी किया नोटिस बड़वानी की सीएमएचओ डॉक्टर सुरेखा जमरे ने बताया कि शिकायत लेकर कुछ लोग मेरे पास भी आए थे। मैंने 108 के कोऑर्डिनेटर को एक पत्र लिखकर इस तरह की अवैध गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए नोटिस दिया है। जिले में 108 के 18 और जननी सुरक्षा के 20 वाहन संचालित है। नियमानुसार इन दोनों वाहनों से शासकीय अस्पताल में ही मरीज को लाया जाना चाहिए। इस वाहन के चालक या असिस्टेंट मरीज या घायल को सीधे निजी अस्पताल नहीं ले जा सकते। उन्होंने अपने पत्र में 108 जननी वाहनों से बड़वानी जिले के बाहर भी मरीज को छोड़े जाने पर आपत्ति उठाई है। डॉ सुरेखा जमरे ने चर्चा में बताया कि वह जल्द ही सभी 108 और जननी वाहनों के चालक, उनके सहायक और उससे संबंधित अधिकारियों की मीटिंग लेकर इस मामले में कड़े निर्देश देने जा रही हैं। सरकारी अस्पतालों में ऐसी व्यवस्था होगी जिसके तहत जननी और 108 वाहनों की प्रत्येक एंट्री सुनिश्चित हो। उन्होंने कहा कि एक कमेटी इस मामले की जांच भी करेगी। सीएमएचओ डॉक्टर सुरेखा जमरे ने 108 के जिला समन्वयक को पत्र लिखने के अलावा मामले को जिला कलेक्टर, क्षेत्रीय संचालक स्वास्थ्य सेवाएं इंदौर संभाग तथा प्रोजेक्ट हेड जे ए ई एस प्राइवेट लिमिटेड भोपाल को भी अवगत करा दिया है।