जबलपुर नगर निगम ने किराएदारों की जांच की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके तहत निगम की टीम लोगों के घर-घर दस्तक दे रही है। जिन मकानों में किरायेदार रह रहे हैं उनके मकान मालिकों से टैक्स की वसूली भी की जा रही है। नगर निगम के राजस्व उपायुक्त के अनुसार किरायेदारों की जांच का यह कार्य जारी रहेगा। किरायेदारों का हो रहा है नाम दर्ज नगर निगम के राजस्व उपायुक्त पी एन सनखेरे ने बताया कि सितंबर के महीने में पता लगा कि नगर निगम सीमा में 15500 किरायेदार है। जिसमें मकान और दुकान दोनों शामिल है। इसके लिए 3 महीने तक सर्वे कराया गया और लोगों को भी जागरूक किया गया कि वह स्वयं आकर अपने मकानो एवं दुकानों में रखे किरायेदारों की जानकारी दे दे। इसके लिए 30 नवंबर अंतिम तिथि निर्धारित की गई थी। अब समय बीतने के बाद नगर निगम का अमला घर-घर जाकर स्वयं ही किरायेदारों की जांच कर रहा है और एक अभियान चलाकर किरायेदारों का रिकॉर्ड इकट्ठा कर रहा है, साथ ही मकान मालिकों से किरायेदारी टैक्स भी वसूला जा रहा है। राजस्व उपायुक्त ने बताया कि यदि किसी मकान मालिक के द्वारा मकान में किरायेदार रखे गए हैं और उसकी जानकारी नगर निगम को नहीं दी गई है तो मकान मालिक के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उस पर 5 गुना पेनाल्टी लगाने का प्रावधान किया गया है। शहर में है 27000 से ज्यादा किराएदार राजस्व उपायुक्त पी एन सनखेरे का कहना है कि पहले शहर में 15500 किरायेदारी दर्ज थी। लेकिन जब से यह अभियान चलाया गया उसके बाद 11 हजार से ज्यादा किरायेदारों का रिकॉर्ड एकत्रित किया गया है इस तरह अभी तक शहर में 27000 से ज्यादा किरायेदारों की सूची तैयार कर ली गई है। नगर निगम का राजस्व में होगी वृद्धि राजस्व अधिकारियों के अनुसार किरायेदारी दर्ज होने के बाद मकान मालिकों के टैक्स में भी वृद्धि हो जाएगी। जिससे नगर निगम को फायदा होगा और निगम के राजस्व में भी बढ़ोतरी होगी। उन्होंने बताया कि निगम के खजाने में लगभग तीन से चार करोड़ रुपए अतिरिक्त जमा होंगे।