सतना शहर में रहने वाले एक इंजीनियर और उसके साले का सोमवार को कुछ बदमाशों ने प्लॉट दिखाने के बहाने अमरपाटन से अपहरण कर लिया। बदमाश दोनों को पन्ना जिले के अमानगंज ले गए और दो करोड़ रुपए की फिरौती मांगने लगे, लेकिन जीजा-साले मौका पाकर भाग निकले और सीधे थाना पहुंच गए। सतना की सिटी कोतवाली पुलिस उन्हें देर रात सतना ले आई है। पुलिस के मुताबिक, शहर के सिविल लाइन थाना क्षेत्र के उत्तरी पतेरी में रहने वाले इंजीनियर प्रदीप त्रिपाठी पिता बाबूलाल (30) और उसके साले मयंक चतुर्वेदी पिता प्रवीण चतुर्वेदी (24) निवासी माधवगढ़ को 16 दिसंबर को कुछ परिचितों ने ही अगवा कर लिया। प्रदीप घर से मुख्त्यारगंज स्थित अपने ऑफिस के लिए निकला था, लेकिन वह रात तक घर नहीं लौटा, उसका साला भी लापता था, लिहाजा परिजनों ने थाना में शिकायत दर्ज कराई। उधर, 17 दिसम्बर मंगलवार को प्रदीप और मयंक दोनों बदहवास हालत में पन्ना जिले के अमानगंज थाना पहुंच गए। देर रात सतना की सिटी कोतवाली पुलिस उन्हें सतना ले आई, जहां उन्होंने पूरे घटनाक्रम की जानकारी पुलिस को दी। पिस्टल अड़ा कर किया किडनैप – इंजीनियर प्रदीप और उसके साले मयंक ने पुलिस को बताया कि अमानगंज के जेके सीमेंट में लेबर सप्लाई का काम करने वाले मनोज कुशवाहा से उनकी जान पहचान थी। वह सिद्धांत और सोनू नामक दो लोगों के साथ सोमवार को प्रदीप के मुख्त्यारगंज स्थित ऑफिस पहुंचा और एक परिचित के लिए प्लॉट खरीदने की इच्छा जताई। प्रदीप और मयंक उसे प्लॉट दिखाने रैगांव और करही के बाद अमरपाटन चले गए। प्लॉट देखने के बाद जब वे चलने लगे तो मनोज और उसके साथियों ने कनपटी पर पिस्टल अड़ा कर कहा कि तुम दोनों को किडनैप कर लिया गया है। उन्होंने जीजा-साले की अंगूठी – चेन के साथ ही 30 हजार नगदी और 3 क्रेडिट-8 डेबिट कार्ड भी ले लिए। मोबाइल छीनकर अपने पास रख लिए। बदमाश उन दोनों को लेकर मटेहना बाइपास होते हुए पहले भरजुना और फिर लालपुर पहुंचे। इस दौरान एक डायल 100 वाहन भी दिखा, लेकिन पुलिस वाले भी समझ नहीं पाए और आगे चले गए। बदमाशों ने मुकेश की ससुराल लालपुर में नया सिम कार्ड खरीदा और प्रदीप से अपनी पत्नी को फोन कर 2 करोड़ की फिरौती देने के लिए कहा। इस बीच नगर निगम के एक लिपिक का फोन आ गया, जिससे उन्होंने डरा धमका कर 30 हजार रुपए मांग लिए। उन्होंने और रकम मंगाने की कोशिश की, लेकिन बाबू ने इनकार कर दिया। बदमाशों ने जीजा साले को डरा कर उनके पासवर्ड हासिल कर लिए। उन्होंने उनके फोन फेंक दिए और नागौद, सिंहपुर, कालिंजर होते हुए अमानगंज चले गए। इस दौरान उन्होंने सतना-नागौद मार्ग के मौहारी टोल प्लाजा के पहले प्रदीप की कार में लगा फास्टैग निकाल फेंका। टोल टैक्स के रूप में उन्होंने कैश पेमेंट किया। घने जंगल में ले गए
मनोज कुशवाहा और उसके साथी जीजा-साले को अमानगंज के पास घने जंगल में ले गए। वहां बने एक टापू जैसे कमरे में उन्हें रखा। वहां सोनू के साथ अख्तर नाम के व्यक्ति को पहरेदारी में रखकर मनोज और सिद्धान्त एक अन्य युवक अब्दुल के साथ प्रदीप की कार लेकर वहां से निकल गए। बोले – 5 करोड़ में बेचेंगे किडनी
मयंक ने बताया कि अमानगंज पहुंचने पर मुकेश वगैरह को अब्दुल नामक शख्स मिला। उसने ही उनकी गाड़ी खड़ी करवाई। अब्दुल से बदमाशों ने कहा कि इन्हें रखो, इनकी किडनी 5 – 5 करोड़ में बेचेंगे। आंख लगी तो भाग निकले
प्रदीप और मयंक ने पुलिस को बताया कि रात में निगरानी कर रहे सोनू और अख्तर की आंख लग गई थी। इसी बीच मौका पा कर उन्होंने खुद को किसी तरह मुक्त कराया और फिर रात के अंधेरे में जंगल में भागने लगे। वे भाग कर सड़क पर आए और फिर किसी तरह अमानगंज थाना पहुंचे। अमानगंज थाना से सूचना मिलने पर सतना की सिटी कोतवाली पुलिस प्रदीप और मयंक को सतना ले आई। टीआई सिटी कोतवाली रावेंद्र द्विवेदी ने बताया कि अपहृत सिविल लाइन थाना क्षेत्र का रहने वाला है, जबकि अपहरण की घटना मैहर जिले के अमरपाटन से होना बताई जाती है। प्रदीप का ऑफिस सिटी कोतवाली क्षेत्र के मुख्त्यारगंज में है। उसकी पत्नी शिकायत लेकर आई थी जिसे सिटी कोतवाली में लिया गया था। प्रदीप और मयंक से पूछताछ की गई है। कॉल डिटेल भी खंगाले जा रहे हैं और आगे की जांच भी की जा रही है। तमाम बिंदुओं पर मैहर के अमरपाटन और पन्ना के अमानगंज थाना से भी चर्चा की जा रही है।