निमाड़ के मनावर में दिसंबर के तीसरे पखवाड़े में ठंड का असर बरकरार है। कृषि विज्ञान केंद्र के अनुसार आने वाले कुछ दिनों तक ठंड का यही प्रभाव जारी रहेगा। उत्तरी दिशा से आ रही बर्फीली हवाओं और साफ मौसम के कारण तापमान में गिरावट देखी गई है। ठंड से बचाव के लिए अलाव का सहारा न्यूनतम तापमान इस सीजन के अब तक के सबसे निचले स्तर 6.9 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है, जबकि अधिकतम तापमान 27 डिग्री सेल्सियस पर स्थिर है। सोमवार की रात में तापमान गिरने और ठंडी हवाओं के कारण कड़ाके की सर्दी का अनुभव हो रहा है। लोग ठंड से बचने के लिए गर्म कपड़े पहनने और अलाव का सहारा ले रहे हैं। किसान रातभर ठंड में जागकर पानी दे रहे है किसान राजू देवड़ा ने बताया कि विद्युत मंडल खेतों में रात के समय बिजली देता है, जिसके कारण किसानों को ठंड में रातभर जागकर पानी देना पड़ता है। उन्होंने बताया कि किसान अलाव जलाकर तेज ठंड से बचाव का प्रयास कर रहे हैं। वहीं, बढ़ती ठंड को देखते हुए सरकारी अस्पताल ने आमजन और किसानों के लिए आवश्यक निर्देश जारी किए हैं, जिसमें ठंड और शीतलहर से बचाव के लिए जरूरी सलाह दी गई है। हाथ-पैर की उंगलियां सफेद या पीली पड़ने का खतरा शीतलहर के संपर्क में आने पर अंगों में संवेदनशून्यता, हाथ-पैर की उंगलियां सफेद या पीली पड़ने और नाक-कान की सतह के प्रभावित होने की संभावना रहती है। इस स्थिति में हाईपोथर्मिया जैसी गंभीर समस्या हो सकती है। बीएमओ संजय मुवेल ने बताया कि इस मौसम में ठंड लगना, बोलने में कठिनाई, नींद आना, मांसपेशियों में अकड़न और सांस लेने में परेशानी जैसी समस्याएं सामने आ सकती हैं। अस्पताल में सर्दी, खांसी और बुखार के मरीजों की संख्या इन लक्षणों के दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। बचाव के लिए सिर, गर्दन, हाथ और पैरों को गर्म कपड़ों से ढकें। गर्म पोषक आहार, विटामिन सी युक्त फल और सब्जियों का सेवन करें। आज मंगलवार को दोपहर 12 बजे तक 65 मरीज सर्दी, खांसी और बुखार के साथ अस्पताल पहुंचे हैं।