आलीराजपुर के मूल निवासी आईटी प्रोफेशनल, ज्योतिषाचार्य, साइकिलिस्ट अंकुर तंवर धर्म और भक्ति का संदेश ले कर रविवार को 1100 किलोमीटर की साइकिल से यात्रा कर आलीराजपुर पहुंचे। लोगों ने उनका स्वागत किया। यात्रा कर लौटे अंकुर तंवर ने बताया कि यात्रा के लिए उन्हें कोविड के दौरान मोटिवेशन मिला। जब लोग परेशान थे, तब उन्होंने प्रार्थना की थी। सब ठीक हो जाने पर वो कोशिश करेंगे कि इस पुणे से सड़क मार्ग पर पैदल यात्रा कर रास्ते में सभी देवी माताओं के दर्शन करते हुए अपने गृह नगर के समीपस्थ ग्राम मालवई की चामुंडा देवी जाएंगे, किन्तु अब वह पैदल यात्रा की जगह साइकिल यात्रा से अभियान पूरा किया। अंकुर तवर आईटी प्रोफेशनल हैं, लेकिन माताके भक्त होने से पुणे से नासिक, सप्तश्रृंगी, चांदवड़ मां रेणुका, धूलिया, मां बिजासन सेंधवा, खलघाट में मां नर्मदा के दर्शन कर इंदौर में मां अन्नपूर्णा, देवास की मां चामुण्डा, तुलजा भवानी, उज्जैन में बाबा महाकाल के दर्शन, फिर इंदौर में मां बिजासन, धार में मां कालिका, बाग में मां बाघेश्वरी के दर्शन कर रविवार दोपहर 12 बजे ग्राम मालवई में चामुण्डा माता के दर्शन कर एकल साइकिल यात्रा का समापन किया। यात्रा के दौरान उन्होंने चार अलग–अलग रंगों की देवी माताजी के प्रेरक संदेशों वाली टी शर्ट ही पहन कर यात्रा की। वे आलीराजपुर निवासी अनिल तंवर के पुत्र हैं। आईटी विशेषज्ञ होकर वर्तमान में पुणे में कार्यरत हैं। वह 6 साल तक अमेरिका में रहे हैं। हस्तरेखा और ज्योतिष के जानकार हैं। ऑनलाइन काउंसिलिंग भी करते हैं। उन्हें आचार्य अंकुर की उपाधि भी प्राप्त है। अमेरिका में रहने के दौरान कैंसर सोसायटी ऑफ अमेरिका के डोनेशन कैम्प में करीब 100 व्यक्तियों की पाम (हस्त) रीडिंग की थी। इससे मिले 10 हजार डॉलर भी कैंसर सोसायटी को दे दिए थे। वह 22 और 42 किलोमीटर की मैराथन भी कर चुके हैं। जब भी समय मिलता, तब वृद्धाश्रम, बच्चों के आश्रम में जाकर सेवा भी करते हैं। कविता सृजन उनका शौक है। पिछले वर्ष उनकी कविता संग्रह “मैं, कल आज और कल “ जीवंत अनुभूतियां पुस्तक भी प्रकाशित हुई हैं।