जहां एक ओर पूरे देश में सर्दी ने लोगों को रजाइयों में सिमटने पर मजबूर कर दिया है, वहीं भोपाल में भगवान श्री झूलेलाल के वंशज और अनुयायी कड़कड़ाती ठंड में भी भजन-कीर्तन करते हुए निकल पड़े। वे भगवान की आराधना, पल्लव और प्रार्थनाओं के साथ समाज, देश और विश्व कल्याण की कामना कर रहे थे। इस अवसर पर सिंधी भक्ति रस से भरे भजनों के बीच पारंपरिक सिंधी छेज (डांडिया खेलना) का आयोजन भी हुआ, जिसने धार्मिक आस्था को और भी प्रगाढ़ किया। भगवान श्री झूलेलाल चालीहा व्रत (नाहिरी माह) के अवसर पर 40 दिवसीय प्रभात फेरी का आयोजन किया जा रहा है। यह प्रभात फेरी भगवान झूलेलाल के मुख्य प्राचीन तीर्थ स्थान, भरूच (गुजरात) से लाई गई “अखंड ज्योत साहिब” और भगवान श्री झूलेलाल के पवित्र ग्रंथ “श्री अमर कथा” के साथ चल रही है। शनिवार को इस प्रभात फेरी का 12वां दिवस था। 2 दिसंबर 2024 से शुरू हुई इस प्रभात फेरी का सिलसिला प्रतिदिन प्रातः 6 बजे संत हिरदाराम नगर के जय झूलेलाल-ठकुर आसनलाल मंदिर से प्रारंभ होता है। इस फेरी का समापन 7:15 बजे मंदिर में होता है। हर शनिवार को एक भगत के निवास पर पल्लव प्रार्थना का आयोजन होता है। इस बार यह विशेष अवसर जवाहर हीरानंदानी परिवार को प्राप्त हुआ, जिन्होंने अखंड ज्योत साहिब घर बुलाने और प्रसाद वितरण का सौभाग्य प्राप्त किया।
शनिवार को आयोजित प्रभात फेरी नव युवक सभा स्कूल, चंचल चौराहा, वन ट्री हिल रोड होते हुए एफ-वार्ड में स्थित सेवा सदन के पास स्थित मंदिर पर पहुंची। यहां पर आरती, पल्लव प्रार्थना और प्रसादी के साथ इस धार्मिक आयोजन का समापन हुआ। भक्तों ने आस्था और श्रद्धा के साथ भगवान श्री झूलेलाल की महिमा का गुणगान किया और समाज के कल्याण की कामना की।