रीवा में पट्टा दिए जाने की मांग को लेकर जिले भर के ग्रामीण कलेक्टर कार्यालय पहुंचे। उन्होंने कलेक्टर प्रतिभा पाल से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा। ग्रामीणों का कहना है कि स्वामित्व योजना के तहत उन्हें अपने मकान वाली जमीन के पट्टे अब तक मिल जाने चाहिए थे। जो अथक प्रयास के बाद भी नहीं मिल पा रहे हैं। गरीब होने के बाद भी शासकीय योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। कई पीढ़ी से रह रहे
सामाजिक आत्म संगठन की ओर से ज्ञापन सौंपने आए सिया शरण केवट ने बताया कि सरकार की योजना के तहत हर गरीब को उस जगह पर पट्टा मिलना चाहिए, जहां पर वह कई पीढ़ी से रह रहा है। स्वामित्व योजना का उद्देश्य ही यही है। लेकिन इस योजना का लाभ देने के नाम पर हाथ में बस एक कागज थमा दिया जाता है। जब तक खसरे में स्वामित्व दर्ज नहीं किया जाएगा। तब तक स्वामित्व कैसे माना जाएगा। यह बहुत ही चिंता का विषय है। विरोध प्रदर्शन करते हुए ज्ञापन सौंपा
जो लोग किसी जगह पर चार पीढ़ी से भी रह रहे हैं। जिन्हें सरकार और शासन स्वामित्व योजना के लिए पात्र मानते हैं। उन्हें योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। इसलिए बुधवार को जिले भर से ग्रामीण कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचे हैं। जिन्होंने विरोध प्रदर्शन करते हुए ज्ञापन सौंपा है। उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे
अगर जल्द से जल्द गरीब परिवारों को स्वामित्व योजना का लाभ यानी पट्टा नहीं दिया जाता। तो हम उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। सरकार ने इस तरह की योजनाएं इसलिए बनाई हैं ताकि लोगों को इन योजनाओं का लाभ मिल सके। लेकिन जब योजनाओं का लाभ ही नहीं मिल रहा तो ऐसी योजनाओं से गरीब का क्या प्रयोजन है। आज मेरे साथ जिले भर से 200 ग्रामीण पहुंचे हैं।