आखिर सीएम को एमडी रूम में क्यों किया शिफ्ट, जानिए:शिवशेखर बोले-सीएम मोहन यादव की नींद खराब यानि सभी की नींद खराब हो जाती

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मप्र के इकलौते हिल स्टेशन सतपुड़ा की रानी पचमढ़ी में मप्र के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने एमपीटी की नीलांबर होटल में रात्रि विश्राम किया। रात्रि विश्राम से पहले इसी होटल का मुख्यमंत्री ने उद्घाटन भी किया। पहली बार ऐसा मौका रहा, जब बतौर मुख्यमंत्री एमपी सरकारी होटल में रुके। जब भी कोई मुख्यमंत्री रहते होते पचमढ़ी आया है। वे पंडित रविशंकर भवन यानि सीएम हाउस में ही रुकते रहे है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने नीलांबर होटल के जिस रूम में चैन की नींद ली। उस रूम में पहले पर्यटन और संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव एवं मप्र टूरिज्म बोर्ड के प्रबंध संचालक (एमडी) शिव शेखर शुक्ला रुकने वाले थे। ऐन वक्त पर रात में अचानक से प्लान में बदलाव हुआ, फिर टूरिज्म बोर्ड के मैनेजिंग डायरेक्टर जिस रूम में रुकने वाले थे उसमें मुख्यमंत्री डाक्टर मोहन यादव को रुकवाया गया। मुख्यमंत्री मोहन यादव जिस रूम में रात्रि विश्राम करने वाले थे, उसमें टूरिज्म बोर्ड के एमडी और प्रमुख सचिव शिवशेखर शुक्ल ने नींद ली। रूम में हुए बदलाव की घटना का जिक्र खुद टूरिस्ट बोर्ड के एमडी शिवशेखर ने रीजनल इंडस्ट्रीज कॉन्क्लेव में आयोजित एक कार्यशाला में किया। उन्होंने बातों-बातों में कहा कि अच्छा रहा कि अंतिम मौके पर रूम में बदलाव कर मुख्यमंत्री का मेरे वाले रूम में रुकवा दिया। मैंने जैसे-तैसे मोबाइल देखकर या थोड़ा जागकर समय काट लिया। अगर मुख्यमंत्री उस रूम में सोते और उनकी नींद खराब होती तो यानि हम सबकी नींद खराब हो जाती। इस घटना का जिक्र एमडी शिवशेखर ने क्यों किया और मुख्यमंत्री का रूम अचानक से क्यों बदला गया। जानिए…इस मामले के पीछे की पूरी कहानी। पहले पढ़िए…मुख्यमंत्री यादव पहली बार क्यों आए पचमढ़ी मप्र के मुख्यमंत्री बनने के करीब एक साल बाद डॉक्टर मोहन यादव पहली बार 6 दिसंबर को पचमढ़ी पहुंचे थे। शाम को उन्होंने मप्र की पहली महिलाओं द्वारा संचालित एमपीटी की पिंक होटल यानि अमलतास होटल का उद्घाटन किया। इसके बाद मुख्यमंत्री ने लाइट एंड साउंड शो, लोक साहित्य बुंदेली नृत्य देखा। इसके बाद 11 करोड़ से रिनोवेट हुए नीलांबर होटल का उद्घाटन किया। नीलांबर होटल में ही उन्होंने डिनर किया। मप्र टूरिज्म बोर्ड ने मुख्यमंत्री के रुकने का इंतजाम भी नीलांबर होटल में ही किया गया। इस होटल में मुख्यमंत्री, मप्र टूरिज्म बोर्ड के एमडी शिवशेखर शुक्ल, मप्र पर्यटन विकास निगम के प्रबंध संचालक( एमडी) टी इलैया राजा समेत अन्य अधिकारी, कर्मचारी रुके थे। रात करीब 11 बजे अंतिम मौके पर्यटन विकास निगम के टी इलैया राजा ने बदलाव कर मुख्यमंत्री और टूरिज्म बोर्ड के एमडी के रूम बदल दिए। प्रमुख सचिव, टूरिज्म बोर्ड के एमडी शिवशेखर के लिए बुक रूम (801) में मुख्यमंत्री यादव को रात्रि विश्राम के लिए रुकवाया। मुख्यमंत्री के लिए बुक रूम (301) में एमडी शिवशेखर को रात बिताना पड़ा। जिसमें शोरगुल और साउंड की आवाज उनकी नींद में बाधा बनी। मुख्यमंत्री की नींद खराब यानि सबकी फजीहत पर्यटन बोर्ड के एमडी शिवशेखर ने कहा कि टी इलैया राजा ने जब रूम बदला, तब मैंने ज्यादा सोचा नहीं, लेकिन रात में जब 12.30 बजे रूम में नींद लेने का प्रयास कर रहा था, तब काफी तेज साउंड में गाने और बाजे बज रहे थे। शोर इतना था कि नींद नहीं आ रही थी। मैं बददुआ रहा था, तब समझ में आया कि टी इलैया राजा ने रूम में क्यों बदलाव किया। शुक्र रहा कि हमारी नींद खराब हुई, कोई दिक्कत नहीं। थोड़ा बहुत टाइम पास कर समय काटा। अगर मुख्यमंत्री उस रूम में सोते और उनकी नींद खराब होती, तो हम सभी की नींद खराब हो जाती। एमडी ने रूम बदलने वाली घटना का इसलिए किया जिक्र एमडी शिवशेखर ने कहा आज कल पर्यटन स्थलों पर डेस्टिनेशन मैरिज और अन्य प्रोग्राम का चलन बढ़ गया है। पचमढ़ी में भी कई लोग बाहर से आकर मैरिज करते है। टूरिज्म स्पॉट पर आकर डेस्टिनेशन मैरिज और अन्य प्रोग्राम होना चाहिए, अच्छी बात है, पर ऐसा हो कि जिससे किसी को दिक्कत न हो। निर्धारित समय के बाद ज्यादा शोर शराबे और गाना बजाना नहीं होना चाहिए, या हो तो अपने दायरे में रहकर। ताकि उस शोर से किसी मनुष्य या वन्यप्राणी, जीव जंतु को प्रॉब्लम न हो। आज कल पर्यटन स्थल पर होने वाले कार्यक्रमों में रात्रि या निर्धारित समय के बाद ऐसे शोर-शराबा या बैंड बाजा, ढोल बजते है। जिससे दूसरों को तकलीफ होती है। पचमढ़ी पर्यटन स्थल के साथ सतपुड़ा टाइगर रिजर्व क्षेत्र में आता है। रात में ज्यादा शोर शराबे से यहां बसने वाले इंसानों की नींद में खलल तो होता है, साथ ही वन्यप्राणी, जीव जंतुओं के जीवन पर भी असरदार होता है। मुख्यमंत्री, एमडी, कमिश्नर पचमढ़ी में रहे रुके, फिर भी रात में बज रहा था डीजे मप्र टूरिज्म बोर्ड के एमडी शिवशेखर द्वारा घटना का जिक्र करने से एक लापरवाही भी उजागर हुई है। पचमढ़ी का कई हिस्सा एसटीआर के नेशनल पार्क का बफर व कोर जोन से लगा हुआ। वन्यप्राणियों को तेज आवाज परेशानी पैदा करती है। ऐसे में जहां प्रदेश के मुख्यमंत्री, पर्यटन और संस्कृति विभाग के राज्यमंत्री, प्रमुख सचिव एवं मप्र टूरिज्म बोर्ड के प्रबंध संचालक शिवशेखर, नर्मदापुरम कमिश्नर केजी तिवारी, एसटीआर फील्ड डायरेक्टर राखी नंदा समेत तमाम अधिकारी रात्रि विश्राम के लिए रुके हो, उस रात को भी किसी एक होटल में बिना किसी डर के रात 12.30 बजे डीजे तेज साउंड में बजता रहा। जो कहीं न कहीं पुलिस और उक्त होटल की लापरवाही को दिखाता है। हालांकि किस होटल में साउंड तेज बज रहा था। इसका एमडी ने उल्लेख नहीं किया। सूत्रों के मुताबिक महिलाओं द्वारा संचालित होटल अमलतास में 6-7 दिसंबर की रात को मैरिज डेस्टिनेशन का कार्यक्रम था। शायद इसी होटल में साउंड बजने की संभावना है। नियम पालन कराना होटल संचालकों की जिम्मेदारी मप्र टूरिज्म बोर्ड के एमडी शिवशेखर ने कहा कि पर्यटन स्थलों पर नियमों का पालन कराना होटल या रिसोर्ट के संचालक या मैनेजर की जिम्मेदारी है कि किसी को उक्त शोर से दिक्कत न हो। नियमों का पालन हो, नियम टूटे नहीं।