रतलाम के अप यार्ड में शनिवार सुबह 9 बजे रेल दुर्घटना हो गई। पैसेंजर ट्रेन गुड्स ट्रेन से टकरा गई। पैंसेजर ट्रेन का एक कोच गुड्स ट्रेन के कोच पर चढ़ गया। रेलवे का सायरन बजते ही दुर्घटना रिलीफ ट्रेन मौके पर पहुंची। डीआरएम, कलेक्टर व एसपी समेत जिला व रेलवे प्रशासन के तमाम अधिकारी मौके पर पहुंचे। दरअसल यह कोई हादसा नहीं बल्कि ऐसी परिस्थितियों से निपटने के लिए कराई गई एक मॉकड्रिल थी। रेलवे व जिला प्रशासन ने संयुक्त रूप से दुर्घटना की स्थिति में समय पर पहुंचने के लिए मॉकड्रिल की। सुबह से रेलवे का सायरन लगातार बजता रहा। हर कोई अपने स्तर पर जानकारी जुटाने में लग गया कि आखिर रेल दुर्घटना कहां हुई है। स्टेशन पर दुर्घटना रिलीफ ट्रेन पहुंची। रेल अधिकारी व कर्मचारी पूरी तैयारी के साथ डीजल शेड के आगे अपयार्ड के पास पहुंचे। दिल्ली-मुबंई रेल लाइन से कुछ दूरी पर रेल एक्सीडेंट के बाद बचाव को लेकर पूरा सीन रिक्रिएट किया। भोपाल से आई एनडीआरएफ की टीम ने कोच को काटकर और कोच के विंडो के कांच फोड़कर यात्रियों को बाहर निकालने का प्रयास किया। डीआरएम रजनीश कुमार, कलेक्टर राजेश बाथम, एसपी अमित कुमार ने मौके पर पहुंचकर हर एक पहलु को देखा। अधिकारी दुर्घटना वाले कोच में भी गए। मौके पर स्वास्थ्य कैंप, रेलवे दुर्घटना राहत कैंप भी बनाया गया। एनडीआरएफ की टीम ने अपने संसाधनों के साथ इस मॉकड्रिल में भाग लिया। दो माह से कर रहे थे तैयारी-डीआरएम
डीआरएम रजनीश कुमार ने बताया कि एक्सीडेंट में रिलीफ व रेस्क्यू ऑपरेशन करते हुए मुस्तैदी जांची गई है। जिला पुलिस व रेलवे द्वारा संयुक्त रूप से यह देखा गया कि क्या सुधार किया जा सकता है। पूरी टीम लगी है। दो माह से इसकी की तैयारी की जा रही थी। कलेक्टर राजेश बाथम ने बताया- रेलवे द्वारा मॉकड्रिल की गई है। सभी एजेंसी मिल कर रियल टाइम में सीन को रिक्रिएट किया है। राज्य एजेंसी मिल कर एक्सरसाइज कर रहे हैं। बाद में आपस में सभी के अनुभव साझा किए जाएंगे। ताकि पता चल सके दुर्घटना के बचाव के समय क्या कमियों को दूर कर क्या सुधार किया जा सकता है। देखें मॉकड्रिल से जुड़ी और भी तस्वीरें…