केंद्र सरकार की अमृत 2.0 योजना के तहत धार नगर की 2050 तक की आबादी के लिए पेयजल व्यवस्था पर करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं। इसके तहत तालाब नयापुरा का 21 हेक्टेयर भूमि में विस्तारीकरण होना है। 18.9932 हेक्टेयर सरकारी भूमि कलेक्टर ने दे दी है, लेकिन 3 हेक्टेयर भूमि किसानों की निजी है। इस भूमि के बदले किसानों को कृषि योग्य भूमि देने के लिए कलेक्टर को पत्र लिखा गया है। अगर 3 हेक्टेयर भूमि मिल जाती है, तो भूमि की समस्या हल हो जाएगी। शासन ने करीब 19 हेक्टेयर शासकीय भूमि दे दी है, इसलिए 3 हेक्टेयर निजी भूमि देने में कोई समस्या नहीं होगी। तालाब के आसपास के किसान अपनी भूमि देने के लिए तैयार हो गए हैं, और बदले में दूसरी भूमि चुन ली गई है। भूमि मिलने के बाद अतिरिक्त राशि देने की समस्या खत्म हो जाएगी। वर्तमान में तालाब की जल संग्रहण क्षमता 0.5 एमसीएम है, जो विस्तार के बाद 1.5 एमसीएम हो जाएगी। ये बढ़ते शहर में पेयजल आपूर्ति के लिए अहम कदम होगा। नर्मदा का जल तालाब तक लाया जाएगा
तालाब के विस्तारीकरण के बाद जल संग्रहण क्षमता बढ़ेगी, जिससे पानी की कमी होने पर ग्रीष्म ऋतु में नर्मदा का जल तालाब तक लाया जा सकेगा। बदनावर माईक्रो उद्वहन सिंचाई परियोजना में मेहगांव धामनोद से बदनावर के गांव तक पानी भेजा जाएगा। विधायक नीना वर्मा के प्रयासों से विभाग ने ग्रीष्म ऋतु में धार को पानी देने की सहमति दी है। ये पानी गंगा महादेव के पास से गुजरकर सिंचाई परियोजना की लाइन से होते हुए, 10-12 किलोमीटर की अलग लाइन बिछाकर तालाब तक लाया जाएगा। बिजली लाइन में करोड़ रुपए का खर्च आएगा
तालाब के विस्तारीकरण में भूमि की समस्या हल होने के बाद एक और बड़ी समस्या हाईटेंशन विद्युत लाइन की है, जो भूमि से गुजर रही है। इस लाइन को शिफ्ट करने के लिए करीब ढाई से तीन करोड़ रुपए का खर्च आएगा। ये राशि विद्युत विभाग को नगरपालिका को देने के बाद लाईन शिफ्ट की जाएगी। कलेक्टर से 3 हेक्टेयर जमीन मिलते ही नगरपालिका राशि की मांग करेगी और फिर तालाब के विस्तारीकरण के लिए खुदाई का काम शुरू होगा।”