जबलपुर शहर की सड़कों पर वाहन खड़े करने के लिए अब आम आदमी को पैसे देने होंगे। नगर निगम जबलपुर ने शहर के 61 ऐसे स्थानों को चिन्हित किया है, जहां पर कि टू-व्हीलर या फिर फोर व्हीलर की पार्किंग करने के लिए पैसे देने होंगे। सोमवार को सदन की बैठक में इस प्रस्ताव को पास किया गया है, ऐसे में जल्द ही यह व्यवस्था लागू हो जाएगी, और शहर की जनता पर पार्किंग का भी बोझ होगा। हालांकि विपक्ष ने इसका विरोध करते हुए कहा कि ये आम आदमी के जेब पर डाका है। शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को सुधारने में जब निगम नाकाम हुआ तो अब पेड करते हुए पार्किंग व्यवस्था को ठीक करने की बात कह रहा है।
जबलपुर शहर की बिगड़ी ट्रैफिक व्यवस्था को लेकर तीन दिन पहले लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह ने पुलिस-प्रशासन और नगर निगम के अधिकारियों की बैठक लेकर यातायात को ठीक करने के निर्देश दिए, साथ ही कहा कि सड़कों पर फैले अतिक्रमण को भी हटाया जाए। मंत्री राकेश सिंह के आदेश पर कलेक्टर,एसपी और निगम आयुक्त ने टीम के साथ मिलकर अवैध अतिक्रमण हटाना भी शुरु कर दिया। इधर सोमवार को नगर निगम सदन की बैठक में प्रस्ताव पास किया गया है कि शहर के 61 स्थानों पर व्यवस्थित तरीके से गाड़ियां पार्किंग की जाएगी, जो कि मॉडल के रूप में काम करेगा। आने वाले समय में अगर सफलता मिलती है तो पूरे शहर में यह व्यवस्था लागू की जाएगी। जबलपुर महापौर जगत बहादुर अन्नू ने कहा कि जो लोग यातायात व्यवस्था को देखते हुए पार्किंग स्थल पर काम करेंगे, उन्हें इसी वसूली के पैसे से वेतन दिया जाएगा। महापौर जगत बहादुर अन्नू ने बताया कि इस समय पूरे शहर में ट्रैफिक व्यवस्था पटरी से उतरी हुई है। जहां-तहां बेतरतीब गाड़ियां लोग खड़ी कर देते है, जिसके चलते ट्रैफिक व्यवस्था बुरी तरह से खराब हो रही है। महापौर ने कहा कि अभी अवैध तरीके से पार्किंग हो रही है, लोग कहीं भी गाड़ियां खड़ी कर देते है। नगर निगम जब पार्किंग व्यवस्था संभालेगी तब सुचारू रूप से इसका संचालन होगा, पर अब चिन्हित तरीको से लाइन खींचकर, रस्सी बांधकर गाड़ियों की सड़क किनारे वाहन खड़े किए जांएगें। महापौर ने कहा कि कलेक्टर गाइडलाइन से पार्किंग शुल्क चिन्हित किया जाएगा।
शहर के ट्रैफिक व्यवस्था को पेड करने पर विपक्ष ने आपत्ति जाहिर की है। नगर निगम में उपसभापति अयोध्या तिवारी ने सदन में महापौर के उठाए मुद्दे और फिर एकतरफा उस प्रस्ताव को पास करने पर कहा है कि ये पूरी तरह से अव्यावहारिक है। उन्होंने कहा कि जिस अ-व्यावस्था को व्यवस्था बनाने के लिए महापौर अपने हाथों में लेने की बात कर रहे है, वो कैसे व्यवस्था बन जाएगी, यह बड़ा सवाल है। महापौर ने सदन में यह कहा कि ट्रैफिक को लेकर अव्यवस्था फैल रही है, इसलिए अब यह हम अपने जिम्मे ले रहे है। उपसभापति ने कहा कि पार्किंग व्यवस्था पेड करने पर घंटों के हिसाब से लोगों को गाड़ियों का किराया देना होगा। जिस तरह से स्टैंड में पार्किंग लगती है, ठीक उसी तरह से शहर की सड़को पर पार्किंग चार्ज देना होगा। अयोध्या तिवारी ने कहा कि महापौर के द्वारा एक व्यक्ति की ड्यूटी पार्किंग स्थान में लगा देने से कितनी व्यवस्था सुधर जाएगी।
उपसभापति ने कहा कि सड़क वाहनों के चलने के लिए है, किनारे बने फुटपाथ लोगों के पैदल चलने के लिए है,और इसके बाद भी 61 स्थानों पर पार्किंग व्यवस्था चिन्हित की गई है। अयोध्या तिवारी ने कहा कि मेरी आपत्ति के बाद भी आज सदन में महापौर अड़ रहे और पेड पार्किंग अनिवार्य कर दी। बहरहाल विपक्ष ने इसे आम आदमी पर अतिरिक्त बोझ बताते हुए पेड पार्किंग की निंदा की है।
जबलपुर शहर में करीब साढ़े 15 करोड़ की लागत से तीन मल्टीलेवल पजल पार्किंग बनाई गई है। मानस भवन में बनाई गई पजर पार्किंग ढाई करोड़ रुपए में तैयार गई है, जिसमें कि 37 कार खड़ी हो सकती है। इसी तरह से सिविक सेंटर में साढ़े पांच करोड़ की लागत से 87 गाड़ियों को खड़ी करने की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा भंवरताल में 100 गाड़ियां खड़ी करने के लिए साढ़े छह करोड़ रुपए खर्च किए गए है। हालांकि तीन में से अभी दो पज़ल पार्किंग शुरू की गई है, जबकि एक का उद्घाटन होना शेष है।