शाजापुर शहर में दुपाड़ा रोड स्थित श्रीराम मंदिर की जमीन से अतिक्रमण हटाने काम आज से शुरू हो गया है। अदालत के आदेश के बाद ये कार्रवाई हो रही है। सुबह से ही प्रशासनिक अमला भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचा और अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू कर दी। कोर्ट के फैसले के बाद चामुंडा माता मंदिर प्रांगण में स्थित धर्मशाला को जेसीबी के माध्यम से तोड़ा जा रहा है। उल्लेखनीय है कि अपीलीय कोर्ट ने भूखंड विक्रेताओं का दावा खारिज कर दिया था। कोर्ट ने माना निजी भूमि की जगह श्रीराम मंदिर की जमीन पर कब्जा किया गया था। कोर्ट ने विक्रेताओं के दावे को किया खारिज शाजापुर शहर के मगरिया पटवारी हलका 35 की भूमि सर्वे क्रमांक 79, 80, 81, 85, 86, 87, 88, 89, 90 जो माफी श्रीराम मंदिर (पलटन के पास) की भूमि है। अपीलीय न्यायालय ने सभी कब्जेधारियों को अतिक्रमणकारी मानते हुए भूखंड का विक्रय करने वालों के सभी दावों को खारिज कर दिया है।
मामले में अतिक्रमण हटाने के साथ साथ संबंधित भूमि विक्रेताओं के खिलाफ पुलिस प्रकरण भी दर्ज हो सकता है।
बता दें, माफी श्रीराम मंदिर (पलटन के पास) की भूमि पर पूर्व में की गई जांच में 37 कब्जेधारी सामने आए थे। इनको बेदखली के लिए तहसील न्यायालय ने उच्च न्यायालय इंदौर के निर्देशानुसार नोटिस जारी किए थे। इस पर कब्जेधारियों ने जवाब प्रस्तुत किए थे। कब्जा करने वालों ने कहा था भूमि उनकी है
मामले में निचली अदालत में भूमि विक्रेता कृष्णाबाई पति छोटेलाल सोलंकी, संजय सोलंकी, सचिन सोलंकी, सीमा और सुनीता सभी पिता छोटेलाल सोलंकी ने वाद प्रस्तुत किया था कि उक्त भूमि माफी श्रीराम मंदिर की नहीं है। भूमि का सर्वे क्रमांक 95 है। नक्शे में गलती के कारण उनकी निजी भूमि को माफी श्रीराम मंदिर की भूमि बताया है।
इस मामले में अपीलीय न्यायालय तृतीय जिला न्यायाधीश) शाजापुर ने तहसीलदार शाजापुर के बेदखली आदेश के विरुद्ध वाद के अंतिम निराकरण तक अतिक्रमणकर्ताओं को भूमि से बेदखल नहीं किए जाने का स्थगन दिया था। अपीलीय न्यायालय (तृतीय जिला न्यायाधीश) शाजापुर द्वारा इस प्रकरण में सुनवाई के पश्चात 26 नवंबर मंगलवार को उक्त भूमि को निजी भूमि बताने वाले दावे को खारिज कर दिया। फैसले में कोर्ट ने क्या कहा न्यायालय ने जारी निर्णय में स्पष्ट किया कि अपीलार्थी भूखंड विक्रेताओं ने जो दावा प्रस्तुत किया गया था कि ‘उक्त भूखंड भूमि सर्वे क्रमांक 95 में है एवं माफी श्रीराम मंदिर (पलटन के पास) की भूमि पर कब्जा नहीं दिया है। साथ ही सर्वे क्रमांक 95 का नक्शा की गलत है। इस पर न्यायालय ने निर्णय दिया कि नक्शे में किसी प्रकार की गलती नहीं है। ऐसे में अपीलीय न्यायालय ने 20 दिसंबर 2021 को अधीनस्थ न्यायालय के दिए गए निर्णय एवं डिक्री को सही मानते हुए दावा लगाने वालों की अपील को निरस्त कर दिया।व्यवहार न्यायाधीश ने कार्रवाई की मौखिक रूप से मांगी जानकारीभूमि पर अतिक्रमण करने वाले मूल विक्रेताओं की अपील अस्वीकार होने के बाद अस्थायी व स्थायी निर्माण हटाए जाने की कार्रवाई जोर पकड़ सकती है। तहसील न्यायालय ने 37 कब्जेधारियों को 26 अक्टूबर 2024 को जारी किए आदेश में स्पष्ट लिखा था कि 7 दिन भूमि से अतिक्रमण हटा लें साथ ही आरोपित अर्थदंड राशि चालन से शासन के खजाने में जमा कर चालान की प्रति प्रस्तुत करें। अन्यथा प्रशासकीय रूप से अतिक्रमण हटाकर समस्त व्यय विक्रेताओं से वसूल किया जाएगा।