नगरीय क्षेत्र से निकलने वाले औसतन प्रतिदिन 550 टन कचरे का वेस्ट प्रबंधन की प्लानिंग एक बार फिर शुरू हो गई है। केंद्र सरकार के स्वच्छ भारत मिशन से मिलने वाली राशि को ध्यान में रखकर निगम ने 193.59 करोड़ रुपए के डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर)नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग भोपाल को पहुंचा दी है। निगम उक्त राशि में 2 प्लांट लगाएगा। पहला प्लांट कंप्रेस्ड बायो गैस बिथ सॉलिड वेस्ट प्रोसेसिंग होगा। 336 टन प्रति दिन क्षमता वाले प्लांट से 5-7 टन गैस का उत्पादन होगा। ग्वालियर में दूसरा बायो गैस प्लांट होगा। लाल टिपारा के प्लांट में 100 टन गोबर से 2.5 टन गैस का उत्पादन किया जा रहा है।
दूसरा प्लांट वेस्ट-टू एनर्जी का होगा। इससे रोज 4 मेगा वाट बिजली बनाना प्रस्तावित है। ये बिजली 277 टन प्रति दिन क्षमता वाले प्लांट में बनेगी। दोनों प्लांट के लिए डीपीआर मुख्यालय भोपाल पहुंचा दी है। स्वच्छ भारत मिशन के तहत केंद्र सरकार, प्रदेश के अलग-अलग शहरों में कचरा प्रबंधन के लिए राशि दे रही है। इसी के तहत ग्वालियर में राशि मिलने पर काम होगा। दोनों प्लांट लगने से क्या होगा आपको फायदा सीबीजी प्लांट विथ सॉलिड वेस्ट प्रोसेसिंग प्लांट: शहर से निकलने वाले सूखे कचरे का उपयोग बायो गैस बनाने में किया जाएगा। इस प्लांट पर 85.59 करोड़ रुपए की राशि खर्च होगी। इससे शहर के अंदर से कचरा साफ होगा। कचरे की मांग बढ़ने से यह सड़कों पर कम मिलेगा। वेस्ट टू एनर्जी प्लांट: ये प्लांट क्लस्टर आधारित रहेगा। इस प्लांट में रोजाना लगभग 4 मेगावॉट बिजली बन सकेगी। इस प्लांट की लागत 108 करोड़ रुपए आएगी। इससे कचरे की डिमांड अधिक होने से शहर के आसपास कचरे के पहाड़ धीरे-धीरे खत्म होंगे, जिससे कचरा नहीं जलेगा। भास्कर इनसाइड: रोज 550 टन कचरा निकल रहा है, निष्पादन नहीं होने से लगे कचरे के पहाड़, आग लगने से एक्यूआई 350 तक पार नगरीय क्षेत्र से औसतन प्रतिदिन 550 टन कचरा निकल रहा है। इस केदारपुर लैंडफिल साइट पर पहुंचाया जा रहा है। वहां पर कचरे का निष्पादन नहीं होने से कचरे के पहाड़ खड़े हो चुके है। निगम के अफसरों का दावा है कि वर्तमान में कचरे से जैविक खाद बनाई जा रही है। जबकि सच्चाई ये है कि खाद बनाई जाती, तो कचरे के पहाड़ खड़े नहीं होते है। कचरा पूरा नहीं उठने से कई स्थानों पर शहर में कचरा जल रहा है। पिछले दिनों बरा डंपिंग साइट पर भी कचरा जला दिया। इस कारण शहर में वायु प्रदूषण का स्तर कुछ-कुछ स्थानों पर एयर क्वालिटी इंडेक्स 350 तक से ऊपर पहुंच गया था। ये हैं अभी हमारे पास डीपीआर भेजी, स्वीकृत होते ही काम में आएगी तेजी
वेस्ट-टू-एनर्जी प्लांट और सीबीजी सहित एमआरएफ की डीपीआर भोपाल पहुंचा दी है। वहां से स्वीकृति मिलते ही आगे की कार्रवाई शुरू की जाएगी। साथ ही दो और प्लांट की डीपीआर अगले सप्ताह तक बनाकर भोपाल पहुंचाएंगे।
-अमन वैष्णव, आयुक्त ननि