मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव अपनी विदेश यात्रा में आज जर्मनी पहुंचे। यहां उन्होंने जर्मनी के बावेरिया स्टेट के मंत्री और स्टेट चांसलर इन चीफ डॉ हरमन से मुलाकात की। सीएम ने मुलाकात के बाद कहा- आज हम सबसे पहले सरकार के मुखिया मिले और उन्हें अपनी भावनाओं से अवगत कराया है। सीएम ने कहा- वे भी इस बात से सहमत हैं कि उनकी अपनी चुनौतियां हैं उनकी आबादी बहुत थोड़ी सी हैं। आबादी में जो हैं उनकी भी वृद्वावस्था हो रही हैं। उन्हें कई टेक्नोलॉजी में वर्कर्स की आवश्यकता है। हमारे यहां रोजगार की आवश्यकता है, दोनों एक दूसरे पर निर्भर हैं। इसलिए भाषा की बाधा को दूर करने के लिए हमने कहा है कि जर्मनी भाषा सिखाएंगे। जिन्हें अंग्रेजी आती है उनसे भी काम चल जाता है। हम अपने राज्य में ऐसे लैंग्वेज इंस्टीट्यूट खोलने का प्रयास कर रहे हैं जहां ये भाषाएं सिखाई जा सकें। जो बच्चे इसमें शामिल होना चाहते हैं, उन युवाओं को अवसर प्रदान करेंगे जो आगे बढ़ना चाहते हैं। जर्मनी और भारत के पुराने संबंध
सीएम ने कहा- यहां जर्मनी के बावेरिया स्टेट के मंत्री और स्टेट चांसलरी चीफ डॉ हरमन से मुलाकात हुई और उनसे विस्तार से बात हुई। जिसमें उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश, देश और जर्मन के बीच अतीत के संबंध बहुत मजबूत रहे हैं। आबादी के रेश्यो में इस बात की जरूरत है कि आप हमारे यहां अपने प्रशिक्षित लोगों को भेज सकते हैं हम अपनी टेक्नोलॉजी आपको दे सकते हैं। जर्मनी की टेक्नोलॉजी का मप्र से पुराना संबंध है। लेकिन ये दुनिया भर में ये अलग ढंग से जानी जाती है। सेकंड वर्ल्डवार के बाद जर्मनी तेजी से विकसित हुआ
सीएम ने कहा- नवीन तकनीक के बलपर द्धितीय विश्वयुद्व के बाद जिस ढंग से जर्मनी आर्थिक समृद्धशाली ताकत बनकर निकला है ये दुनिया के सामने बड़ी ताकत बनकर उभरा है। वह भी दुनिया के सामने एक आदर्श उदाहरण है और मुझे ये खुशी है। कि अपनी कम आबादी के बाद भी, जर्मनी की आबादी लगभग सवा आठ करोड है, लेकिन आज यह पांचवीं अर्थव्यवस्था है। यह अपने आप में दुनिया के लिए एक सबूत है कि अतीत के साथ हमारे संबंध बहुत अच्छे हैं, हमें उनसे सीखने की जरूरत है। अगर मैक्समूलर ने सबसे पहले वेदों का अनुवाद दुनिया के दूसरे देशों में किया, तो हमारे वेदों का संस्कृत भाषा से अनुवाद करके उन्होंने एक बार जर्मनी के माध्यम से हमारे प्राचीन ज्ञान को दुनिया के सामने प्रकट किया था। और ऐसे कई उदाहरण हैं मप्र और बावेरिया मिलकर आगे बढ़ेंगे
सीएम ने कहा- अतीत में हमारे संबंधों को, उनकी तकनीक की अच्छाइयों को सीखते हुए हमने दोनों देशों में, खासकर मध्य प्रदेश और बावरिया स्टेट आगे बढ़ें ये हमने संकल्प लिया है। हमारे पास हमारे सभी इंजीनियरिंग कॉलेज हैं, पॉलिटेक्निक हैं, डिप्लोमा वाले आईटीआई हैं। ऐसे प्रशिक्षित कर्मचारी, हेल्थ वर्कर हैं और हमारी इनकी यहां की टेक्नोलॉजी से हमारे यहां के उद्योगपति लाभ लें। खासकर। ऑटोमोटिव सेक्टर में, उनके वाहन बहुत उन्नत प्रकार के हैं। ग्लोबल समिट के लिए दिया न्योता
सीएम ने कहा- कुछ चुनौतियां भी हैं। उन चुनौतियों में एक दूसरे की मदद करते हुए आगे बढ़ेंगे। हम जब वैश्विक स्तर की कॉन्क्लेव करेंगे उसके लिए हमने इन्हें आमंत्रित किया है। हम यहां के उद्योगपतियों से बात करेंगे, कंपनियों से भी बात करेंगे। एक अच्छी बात उन्होंने कही कि एक दूसरे के राज्यों में लोगों को टेक्नोलॉजी उपलब्ध कराने में हमारे अधिकारी स्तर पर जो कठिनाइयां आती हैं, वो भी कम होंगी और हम भी उसे कम करेंगे। और व्यापार जगत को अधिक से अधिक सहजता के साथ आगे बढ़ाना है। मैं उम्मीद के साथ कह सकता हूं कि ये मीटिंग हमारी उम्मीद से भी अच्छी रही। एक बार फिर मैं इस जर्मन यात्रा के इस पड़ाव को सौभाग्य मानता हूं। सीएम बोले- समय तो आएगा-जाएगा, लेकिन समय पर सही निर्णय लेना सरकार की ताकत
सीएम ने कहा- हमारे दूतावास के शत्रुघ्न सिन्हा इस पूरी व्यवस्था में मध्यस्थ की भूमिका निभा रहे हैं। ऐसे कुशल दूतावास अधिकारियों के साथ इस तरह के टूर सफल होते हैं। प्रधानमंत्री के कुशल नेतृत्व में देश के आगे बढ़ने का एक उदाहरण है। मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी आभार व्यक्त करता हूं,इन सारी व्यवस्थाओं के लिए हमें इस स्थिति में पहुंचाया है कि हम अपना काम अच्छे से कर रहे हैं और हमारे राज्य के बेरोजगार युवाओं के लिए किसानों और महिलाओं सभी प्रकार के लोगों के लिए बहुत बड़ी संभावनाओं के द्वार खोल रहे हैं। कुल मिलाकर समय तो आएगा-जाएगा लेकिन समय पर सही निर्णय ले यही सरकार की ताकत होती है और सरकार की इच्छा शक्ति से सभी को समान अवसर उपलब्ध होते हैं। मेरी तरफ से सभी को बधाई।