युवक ने पेश की पशु-प्रेम की अनूठी मिशाल:घायल बेजुबान कुत्ते को दिया आशियाना, नाम दिया- चिरौंजीलाल का घर

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इंसान और कुत्ते के बीच प्रेम का उदाहरण आपने कई बार देखा होगा। कुत्ते और इंसान की जुगलबंदी को लेकर साल 1985 में बनी एक मूवी ‘तेरी मेहरबानियां’ आई थी इसमें कुत्ते और इंसान के बीच प्यार को बखूबी दिखाया गया था। ऐसा ही उदाहरण मप्र के नर्मदापुरम से सामने आया है। जहां एक एक शख्स ने पशु प्रेम को दिखाते हुए बेजुबान डॉग (कुत्ते) के लिए एक छोटा सा घर बना दिया। एक्सीडेंट से घायल कुत्ते के लिए उन्होंने न केवल घर बनाया। बल्कि ठंड से बचाने के लिए एक कंबल और जमीन पर बोरा भी बिछाया है। इतना ही नहीं उन्होंने नाम चिरौंजीलाल का घर लिखा फ्लैक्स भी लगाया है। नर्मदापुरम में एसएनजी स्कूल, हॉस्पिटल के पास इस चिरौंजीलाल के घर को रखा गया है। जहां वो डॉग ( चिरौंजीलाल) कंबल ओढ़कर आराम फरमाते नजर आ रहा है। रास्ते से आने-जाने वाले राहगीर डॉग के प्रति प्रेम और उसके घर को देख खुश हो रहे है। घायल अवस्था में मिला था, उपचार का सोचा नर्मदापुरम शहर के रहने वाले नितेश तिवारी ने बताया कि वो चाउमिन का ठेला लगाते है। 23 नवंबर को वो क्रिकेट खेलकर घर लौट रहे थे। जिला अस्पताल के पास किसी गाड़ी के टक्कर से डॉग घायल पड़ा था खून काफी बह रहा था। हमने डॉक्टर से उसका इलाज कराया, फिर उसे वापस ले आए। उसकी हालत देख लगा कि इसके लिए अच्छी व्यवस्था करनी चाहिए, अगर व्यवस्था नहीं मिली तो उसके जीने की उम्मीद कम थी। मैंने उसके लिए घर बनाने का सोचा। अगले दिन रविवार को फ्लेक्स बनवाएं। जिस पर नाम लिखा चिरौंजीलाल का घर। मां की याद में बनाया घर, घायल देखदर्द महसूस किया
नितेश तिवारी ने बताया कि डॉग करीब एक महीने से डॉग इसी क्षेत्र में घूम रहा था। तीन महीने पहले मेरी मां का देहांत हुआ। टॉयलेट में पैर फिसलने से मां घायल हो गई थी। करीब 8 दिन तक मां दर्द से काफी परेशान रही। आखिर में उन्होंने 8 दिन बाद दम तोड़ दिया। मैंने महसूस किया कि मां भी चोट लगने से पीड़ित रही। उसी दर्द से डॉग तड़प रहा है। मैंने उसके लिए घर बनाने का सोचा। जिसके ऊपर और तीनों तरफ फ्लैक्स लगा दिए। जिसमें ओढ़ने के लिए एक कंबल और दो जुट के बोरे जमीन पर बिछा दिए। ताकि ठंड से बचाया जा सकें। डॉग का चिरौंजीलाल नाम, 2हजार आया खर्च
डॉग का नाम चिरौंजीलाल है। इसलिए घर का नाम चिरौंजीलाल का घर रखा है। उन्होंने बताया कि यहां घर बनाने में उन्हें कुल 2 हजार रुपए खर्च आया है। घर की देखरेख दिन में पड़ोसी चाय वाला कर रहा और सुबह शाम नितेश तिवारी देखने आते है। उसे खाने के लिए कुछ से देते है। ​​​​​​​