आरटीओ ने बैठक में स्कूल संचालकों को दी हिदायत जीडी गोयनका स्कूल बस में 20 नवंबर को आग लगने के बाद आरटीओ विक्रमजीत कंट ने मंगलवार को स्कूल संचालकों के साथ बैठक की। इस दौरान आरटीओ ने स्कूल संचालकों को सख्त हिदायत देते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने स्कूली वाहनों की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर जो गाइडलाइन जारी की है, उसका हर हाल में पालन करना होगा। स्कूल बसों में स्पीड गवर्नर के साथ व्हीकल ट्रैकिंग डिवाइस (वीएलटीडी) लगा होना चाहिए। इसके साथ ही बस की फिटनेस अनिवार्य है। फर्स्ट एड बॉक्स, अग्नि शमन यंत्र के साथ ही सभी स्कूल बस में इमरजेंसी विंडो होना चाहिए जो पूरी तरह से बाधारहित हो। दो दिन बाद आरटीओ अमला चेकिंग करेगा, यदि कमी मिली तो कार्रवाई तय है। बस, ऑटो व वैन में 50 हजार बच्चे हर दिन करते हैं सफर आरटीओ कार्यालय में जिले में लगभग 800 स्कूल बस रजिस्टर्ड हैं। इसके साथ ही 5 हजार ऑटो व 2 हजार वैन से लगभग 50 हजार बच्चे हर दिन सफर करते हैं। आरटीओ ने कहा कि ऑटो चालकों की जिम्मेदारी है कि वह बिना सुरक्षा मानकों का पालन किए बिना स्कूली बच्चों को सफर नहीं कराएं। 5 से ज्यादा बच्चे ऑटो में नहीं बैठाएं। जबकि वैन में 9 बच्चे तक बैठाने के निर्देश दिए हैं। बताते चलें कि कार्मल कान्वेंट स्कूल, सेंट पॉल स्कूल मुरार व सेंट जोसेफ स्कूल, केंद्रीय विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चे सबसे ज्यादा वैन व ऑटो से सफर करते हैं। ऐसे स्कूलों में ऑटो व वैन से पहुंचने वाले बच्चे निर्धारित संख्या से दो से तीन गुना ज्यादा बैठाए जा रहे हैं। इसको लेकर आरटीओ ने कहा कि वाहनों में ओवर लोडिंग बिल्कुल नहीं चलेगी। चालकों का पुलिस वेरीफिकेशन कराना होगा आरटीओ ने सभी स्कूलों को निर्देश दिए हैं कि स्कूली वाहनों को चलाने वाले चालकों का पुलिस वेरीफिकेशन अनिवार्य रूप से कराएं। साथ ही जिन स्कूली वाहन में छात्राएं सफर करती हैं उसमें महिला स्टाफ अनिवार्य रूप से रखें। चालक यूनिफॉर्म में हो। केंद्रीय विद्यालय के प्राचार्यों को आरटीओ लिखेंगे पत्र आरटीओ का कहना था कि केंद्रीय विद्यालयों के प्रतिनिधि बैठक में शामिल नहीं हुए हैं। इस मामले में केंद्रीय विद्यालयों के प्राचार्यों को पत्र लिखकर कहेंगे कि उनके स्कूल में जो भी बच्चे वैन, ऑटो व बस से आते हैं। उन वाहनों की जानकारी आरटीओ कार्यालय को उपलब्ध कराएं।