जिलेभर में आज मनाया जाएगा संविधान दिवस:हमारा संविधान, हमारा स्वाभिमान टैगलाइन के साथ होंगे आयोजन; कलेक्टर ने निर्देश जारी किए

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“हमारा संविधान, हमारा स्वाभिमान” टैगलाइन के साथ आज संविधान दिवस मनाया जाएगा। कलेक्टर ने सभी शासकीय कार्यालयों, संस्थाओं, स्कूलों को संविधान दिवस मनाने के लिए निर्देशित किए हैं। शासन के निर्देशानुसार 26 नवम्बर को “संविधान दिवस” मनाया जाता है। इसके अंतर्गत भारत सरकार ने संविधान को अपनाने के 75 वर्ष पूरे होने के महत्व को देखते हुए, वर्ष भर चलने वाले उत्सव को “हमारा संविधान, हमारा स्वाभिमान” अभियान की टैग लाइन के तहत चलाने का निर्णय लिया है। शासन के आदेशानुसार शासकीय कार्यालयों, विद्यालयों, महाविद्यालयों, संस्थाओं, स्वशासी संस्थाओं एवं सार्वजनिक उपक्रमों आदि में कार्यक्रम आयोजित किये जाने हैं। बता दें कि भारत का संविधान एक वृहद एवं विस्तृत राष्ट्रीय दस्तावेज है। 26 नवम्बर, 1949 को नव-निर्मित संविधान पर हस्ताक्षर किये गए। संविधान 26 जनवरी, 1950 को लागू किया गया। इसी उपलक्ष्य में हम 26 नवम्बर को संविधान दिवस के रूप में मनाते हैं। संविधान निर्माण के लिए 9 समितियों का गठन किया गया था
दरअसल, संविधान निर्माण के लिए एक संविधान सभा का गठन किया गया था जिसकी पहली बैठक 9 दिसम्बर, 1946 को हुई थी। संविधान निर्माण के लिए 9 समितियों का गठन किया गया था। डॉ. बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर संविधान की प्रारूप समिति के अध्यक्ष एवं डॉ. राजेन्द्र प्रसाद संविधान सभा के अध्यक्ष थे। मध्यप्रदेश राज्य की राजधानी नागपुर थी
मध्यप्रदेश का वर्तमान स्वरूप कई परिवर्तनों के बाद मिला। इसका महत्वपूर्ण हिस्सा सेंट्रल प्रोविंस एण्ड बरार के नाम से जाना जाता था, जिसमें नागपुर और विदर्भ भी सम्मिलित थे। इस भाग में बघेलखण्ड ए और छत्तीसगढ़ की रियासतों को मिलाकर मध्यप्रदेश राज्य बना जो पार्ट ए स्टेट बनी जिसकी राजधानी नागपुर थी। कोटा जिले की सिरोंज तहसील विदिशा जिले में जोड़ी गई
​​​​​​​विन्ध्यप्रदेश पार्ट सी स्टेट तथा पश्चिम की रियासतों को जोड़कर मध्यभारत नामक पार्ट बी स्टेट बनी। राजस्थान की कोटा जिले की सिरोंज तहसील विदिशा जिले में जोड़ी गई। विदर्भ क्षेत्र के जिले बाम्बे स्टेट में शामिल कर दिए गए। 1 नवम्बर, 1956 को नवगठन कर में स्थापना की गयी। वर्ष 2000 में मध्यप्रदेश राज्य से छत्तीसगढ़ को पृथक कर एक नया प्रदेश निर्मित किया गया। इनका रहा योगदान
भारतीय संविधान को तैयार करने में तत्कालीन मध्यप्रदेश की कई विभूतियां ने अपना योगदान दिया। इनमें बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर, सेठ गोविन्द दास, हरिसिंह गौर, रविशंकर शुक्ल, भगवंतराव मण्डलोई, दादा धर्माधिकारी, बृजलाल बियानी, ठाकुर छेदीलाल, अवधेश प्रताप सिंह, शम्भूनाथ शुक्ल, रामसहाय तिवारी, मन्नूलाल ‌द्विवेदी, विनायक सीताराम सरवटे, ब्रजनारायण, गोपीकृष्ण विजयवर्गीय, रामसहाय, कुसुमकान्त, राधावल्लभ विजयवर्गीय, सीताराम जाजू एवं मास्टर लाल सिंह, हरिविष्णु कामथ, फ्रैंक एंथनी, संविधान सभा के सदस्य थे। कलेक्‍टर डॉ. सतेन्‍द्र सिंह द्वारा समस्‍त जिला अधिकारियों को आयोजन के विस्‍तृत दिशा-निर्देश के आदेश जारी किये गए हैं।